सर्वहारा पुलिया पर जब बुर्जुआ लोगों ने कब्जा कर लिया तो रामफ़ल यादव ने अपनी ठेलिया सामने बुर्जुआ पुलिया पर लगा ली। मिलने पर पूछा -बहुत दिन से दिखे नहीं। साथ में जीआईएफ़ फ़ैक्ट्री से रिटारर्ड आर.एन.सिंह। वो भी प्रतापगढ के रहने वाले हैं। इसी नाते रामफ़ल यादव से मिलने आते हैं लेकिन मजे की बात उनका नाम नहीं जानते।
आम साठ रुपये किलो बताया रामफ़ल ने लेकिन दिया पचास का किलो। किलो के ऊपर सौ ग्राम के पैसे भी छोड़ दिये। एक बार फ़िर बताया रामफ़ल यादव ने- "अस्सी साल उमर है। साठ साल से फ़ल बेच रहा हूं। प्रतापगढ घर है....।" सतीश सक्सेना, संतोष त्रिवेदी
- Rajiv Chavan, Girish Singh, Alok Ranjan और 36 अन्य को यह पसंद है.
- महेंद्र मिश्र पुलिया पे जो दिव्य ज्ञान प्राप्त करने आये थे वो कहाँ गए ..लगता है ठेला वाले ने पूरी तरह से पुलिया पर कब्ज़ा कर लिया है
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