कल पुलिया पर ये भाई गुमसुम बैठे थे। अपने देश की तरह चुप। कुछ बात करने की कोशिश की तो बोले नहीं। चेहरे पर ’डोन्ट डिस्टर्ब’ का भाव चिपकाये दिखे।
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Friday, August 15, 2014
पुलिया पर गुमसुम बैठे भाई
Posted by
अनूप शुक्ल
कल पुलिया पर ये भाई गुमसुम बैठे थे। अपने देश की तरह चुप। कुछ बात करने की कोशिश की तो बोले नहीं। चेहरे पर ’डोन्ट डिस्टर्ब’ का भाव चिपकाये दिखे।
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