आज ’सर्वहारा पुलिया’ पर अतुल से मुलाकात हुई
दोपहर को। बीएससी पास अतुल रेलवे का कप्म्टीशन देने जबलपुर आये हैं। गांव
में पढाई-वडाई होती नहीं थी सो नंबर सेकेंड क्लास के ही आये। शहर में नौकरी
के लिये तैयारी के साथ कम्प्यूटर का भी काम सीख रहे हैं।
अतुल सिहोरा के रहने वाले हैं। पिता खेती करते हैं। तीन बहनों में अकेले, सबसे छोटे हैं। स्वाभाविक है दुलरुवा भी। जीजा जीसीएफ़ फ़ैक्ट्री में काम करते हैं। वेल्डरी का काम दोस्त आ रहा था कंचनपुर से तो उसका इंतजार कर रहे थे पुलिया पर बैठकर।
अंगौछे से हवा डुलाते बैठे थे अतुल। हमने फ़ोटो खैंचा तो बोले अच्छा नहीं आया होगा। पसीना आ रहा था इसलिये। लेकिन जब हमने फ़ोटो दिखाया तो देखकर खुश हो गये। दुबारा देखा।
अतुल का फ़ेसबुक खाता है लेकिन बहुत दिन से बंद है।
अतुल सिहोरा के रहने वाले हैं। पिता खेती करते हैं। तीन बहनों में अकेले, सबसे छोटे हैं। स्वाभाविक है दुलरुवा भी। जीजा जीसीएफ़ फ़ैक्ट्री में काम करते हैं। वेल्डरी का काम दोस्त आ रहा था कंचनपुर से तो उसका इंतजार कर रहे थे पुलिया पर बैठकर।
अंगौछे से हवा डुलाते बैठे थे अतुल। हमने फ़ोटो खैंचा तो बोले अच्छा नहीं आया होगा। पसीना आ रहा था इसलिये। लेकिन जब हमने फ़ोटो दिखाया तो देखकर खुश हो गये। दुबारा देखा।
अतुल का फ़ेसबुक खाता है लेकिन बहुत दिन से बंद है।
- Samir Kumar Singh, Umesh Kumar, Jayprakash Manas और 66 अन्य को यह पसंद है.
- निर्मल गुप्त पुलिया रंगमंच है जहाँ किरदार आते हैं अपने हिस्से का पार्ट अदा कर आगे बढ़ जाते हैं ।अद्भुत आख्यान प्रस्तुत कर रही यह पुलिया। सूत्रधार अनूप जी बधाई के पात्र हैं ।
- महेंद्र मिश्र पुलिया के दांये किनारे में नीचे गुटका बीड़ी के पाऊच पड़े दिख रहे हैं का भैया पुलिया पर बैठकर गुटका बीड़ी का सेवन तो नहीं कर रहे थे ...
- Virendra Bhatnagar कभी़-कभी़ शक होता है कि किरदार स्वेछा से आते हैं या बहला-फुसलाकर पुलिया पर लाये जाते हैं
- Jitendra Kumar Comments of Mr. Nirmal &Mr. Krishna behari are fit . That pulia will be remembered always.
- Kiran Dixit Aaj kisi padhney vale se is puliya ki molakat hui. .Accha mahsoosh ker rahi hogi.Pulliya aur samvadansheel baudhik Anoop ji ke ashirwad se shayad is vyaki ka interview accha ho jaye.
- Rekha Srivastava puliya mile stone ban chuki hai aur kitne aise logon se hamen milava chuki hai jinhen kabhi na janate the aur na milane vale hain phir bhi . achchha lagata hai na doosare ko jaan kar .
- Rekha Srivastava नहीं किरण वो नगर निगम वाले नहीं तोड़ी जा सकती है। वो शुक्ल जी के लिए हमेशा
बनी रहेगी और वे इसी तरह से लिखते रहेंगे। मैं सोचती हूँ कि एक दिन उस पुलिया
पर मैं जाकर बैठ जाती हूँ। - Lalit Sharma डॉ किरण मिश्रा - ये कानपुर की पुलिया नहीं है, जबलपुर की है और इस पर जिन्न की छाया है जो फ़ोटो के लिए रोज एक ग्राहक तलाश कर उस पर सवार हो जाता है।
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