आज
दोपहर को पुलिया पर भाई लोग इस मुद्रा में मिले। दायीं तरफ़ वाले भाई बकरी
चरा रहे थे। बकरियां कहीं दिख नहीं रहीं थीं लेकिन थीं क्योंकि ऐसा बकरी
चराने वाला कह रहा था। कुछ-कुछ कानून व्यवस्था की तरह जो कि दिखती नहीं
लेकिन होती है क्योंकि कानून को चराने
वाला (मतलब रखवाला) ऐसा कहता है। भाईजी आज खाना वाना बना के आये थे। रोटी
सब्जी। सब्जी कुछ बताई थी लेकिन बिसरा गये अपन।
साथ वाले भाई एक ठेकेदार के यहां इलेक्ट्रिशियन का काम करते हैं। सामने एम.ई.एस. का दफ़्तर दिखाते हुये बोले- उस कमरे में एजीई बैठते हैं। उसके बगल में बड़े बाबू फ़िर छोटे बाबू फ़िर .....। ठेकेदार का नाम अशोक भईया बताते हुये बिजली मिस्त्री मोबाइल पर गाना सुन रहे थे। गाना बज रहा था- "मेरा साजन रंग रंगीला ....।"
लौटते समय बकरी वाले भाई पुलिया पर लम्बलेट हुये आरामफ़र्मा थ्थीं। बकरियां कहीं चर रहीं होंगी। जैसे कानून के रखवाले थक जाने पर जब आराम फ़र्माते हैं तो कानून व्यवस्था को लोग चर जाते हैं।
साथ वाले भाई एक ठेकेदार के यहां इलेक्ट्रिशियन का काम करते हैं। सामने एम.ई.एस. का दफ़्तर दिखाते हुये बोले- उस कमरे में एजीई बैठते हैं। उसके बगल में बड़े बाबू फ़िर छोटे बाबू फ़िर .....। ठेकेदार का नाम अशोक भईया बताते हुये बिजली मिस्त्री मोबाइल पर गाना सुन रहे थे। गाना बज रहा था- "मेरा साजन रंग रंगीला ....।"
लौटते समय बकरी वाले भाई पुलिया पर लम्बलेट हुये आरामफ़र्मा थ्थीं। बकरियां कहीं चर रहीं होंगी। जैसे कानून के रखवाले थक जाने पर जब आराम फ़र्माते हैं तो कानून व्यवस्था को लोग चर जाते हैं।
- Parveen Chopra अब तो हमें भी रोज़ाना सुबह पुलिया पुराण सुनने की अच्छी लत लग गई है.....यह लगने लगा है कि दुनिया सच में इतनी रंग-बिरंगी है। पुलिया ने भी न जाने कितनों को पनाह दी होगी।
- Kiran Dixit Lagta hai puliya bari aramdayak hai .Sabko bari asani se atmsat ker leti hai. Chehrey ke bhav perhney me to Anoop ko maharath hasil hai.Bari asani se logon ke man ke bateyn ugallva lete hain.Adresya bakarion aur kanoon ke rakhvalon ki tulna acchi lagi.
- Parveen Chopra इस पुलिया पर एक छोटा मोटा ब्लॉगर मिलन रखिए जनाब। रामसे ब्रदर्ज़ की फिल्मों की तरह बड़ी रहस्यमय ही लगने लगी है यह पुलिया.....
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