कल अखबार में देखा कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों में हॉकी मैच जीतने के बाद शर्ट उतारी और गालियां दीं। बाद में माफ़ी मांग लीं।
खिलाड़ी लोगों ने ऐसा क्यों किया यह पता नहीं चला लेकिन ऐसा करना नहीं चाहिए उनको। इससे गलत सन्देश जाता है।जो बच्चे मैच देख रहे होंगे वे सोचेंगे कि जीतने के बाद शर्ट उतारना जरूरी होता है सो वे खेलना छोड़कर शर्ट उतारना सीखने लगेंगे।
खिलाड़ियों ने भारत के अख़बार पढ़े होंगे।देखा होगा आये दिन नेता लोग गाली गलौज करते हैं फिर मॉफी मांग लेते हैं।"जैसा देश वैसा भेष" की महान परम्परा का पालन करते हुए उन्होंने गाली गलौज कर डाली होगी। उनको पता नहीं होगा कि यह काम यहां के राजनेताओं के अधिकार क्षेत्र में ही आता है। खिलाड़ियों को अभी गाली-गलौज करने की सुविधा हासिल नहीं है।
शर्ट शायद उन्होंने सौरभ गांगुली को देखकर उतारी हो। लेकिन उनको पता होना चाहिए कि शर्ट उतारना केवल क्रिकेट में स्वीकार्य है।बाकी के खेलों के खिलाड़ियों के लिए यह प्रतिबंधित है अभी। हॉकी के खिलाड़ियों को क्रिकेट के खिलाड़ियों से बराबरी का प्रयास नहीं करना चाहिए।
हो सकता है खिलाड़ी लोगों को इमरान खान से प्रेरणा मिली हो। इमरान खान आये दिन सरकार को गरियाते रहते हैं।वे भी वर्ल्ड कप जीते हुए हैं। कप्तान की हैसियत से। बड़ी बात नहीं कि कभी सेना उनको देश की कप्तानी सौंप दे।खिलाड़ी लोगों ने सोचा होगा कि क्या पता आगे चलकर कभी इमरान उनको अपनी टीम में रख ले उनकी गाली गलौज और कपड़े उतारने की प्रतिभा को देखते हुए।
हो सकता है मैच के पहले खिलाड़ियों ने " अपना लक पहन के चलो " वाला विज्ञापन देखा हो। मैच जीतते ही सोचा हो कि अब तो जीत गए।लक उतार के धर दें।अगले मैच में काम आएगा।
पता चला है कि पाक कप्तान ने कहा कि एशियाड में भारत के खिलाड़ियों ने बदतमीजी की थी उसका हिसाब उन्होंने यहाँ चुकाया।यह तो राजनैतिक दलों के प्रवक्ताओं जैसे बयान हुए। एक पार्टी पर जब भ्रष्टाचार ,दंगे के आरोप लगते हैं तो उसका प्रवक्ता अगली पार्टी किस्से बताते हुए कहता है- "ये तो बहुत कम है।आपकी पार्टी के समय तो इससे ज्यादा गड़बड़ हो चुकी है।"
अब जो हुआ सो हुआ। अब तो उन्होंने माफ़ी भी मांग ली। गाली गलौज का तो खैर कोई नहीं। यह तो आम जीवन का हिस्सा हो गयी है अब।लेकिन उनको कपड़े उतारने से पहले सोचना चाहिए कि भयंकर जाड़ा पड़ रहा है। ठण्ड ने पकड़ लिया तो अगला मैच खेलने लायक नहीं रहेंगे।
क्या पता वे आस्ट्रेलिया से इसी लिए हारे हों बाद में। आपका क्या कहना है?
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