आज
महेश भेंटाये सर्वहारा पुलिया पर।हलवाई का काम करते हैं। जलेबी और दीगर
मिठाइयां ठेले पर धरे बेंच रहे थे।गुड़ की जलेबी बता रहे थे बहुत बढ़िया
बनाते हैं।
बांदा जिला के रहने वाले महेश जबलपुर में ही बस गए हैं अब। हलवाई के रूप में कई बार बस सेवाओं के साथ भारत दर्शन, नर्मदा परिक्रमा और कन्याकुमारी यात्रा कर चुके हैं। एक बच्चा है। स्कूल में पढता है।
पान मसाले से रंगे दांत । बोले -'ऐसे ही आदत पड़ गयी।'
यह भी बोले-'खाना एवन बनाते हैं साहब। कभी खाकर देखिये।'
हमें लंच के लिए देर हो रही थी। सो मेस चले आये।
बांदा जिला के रहने वाले महेश जबलपुर में ही बस गए हैं अब। हलवाई के रूप में कई बार बस सेवाओं के साथ भारत दर्शन, नर्मदा परिक्रमा और कन्याकुमारी यात्रा कर चुके हैं। एक बच्चा है। स्कूल में पढता है।
पान मसाले से रंगे दांत । बोले -'ऐसे ही आदत पड़ गयी।'
यह भी बोले-'खाना एवन बनाते हैं साहब। कभी खाकर देखिये।'
हमें लंच के लिए देर हो रही थी। सो मेस चले आये।
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