कुछ किताबें स्वादिष्ट फास्ट फूड सरीखी होती हैं। 168 पेज की किताब की पढ़ाई दो दिन में हो जाये तो किताब को रोचक ही कहना चाहिए।
अनुराधा बेनीवाल की किताब 'लोग जो मुझमें रह गए' में उनकी यायावरी आवारगी के दौरान मिले कुछ यादगार लोगों के किस्से हैं। किस्सों के बहाने अलग-अलग जगहों के लोगों, खासकर लड़कियों, के किस्से हैं। प्रेम, सेक्स , रहन-सहन, निजता आदि के बारे में उनकी क्या सोच है। समलैंगिक, लेस्बियन, बाई सेक्सुअल, तलाक सुदा, परिवार सुदा लोगों से मुलाकात के बहाने उनकी सोच की वड़ताल है। किसी से भी सम्बन्ध बना लेने वाली सोच के साथ ऐसी लड़कियों से भी मुलाकात के किस्से हैं जो शादी के पहले सेक्स को गलत मानती हैं।
कुल मिलाकर रोचक , पठनीय किताब। आखिर में 11 रंगीन फोटो भी हैं जिनका विवरण होता तो और अच्छा होता। आखिर इन फोटुओं का भी किताब के दाम बढ़ाने में भी रहा योगदान होगा।
किताब पढ़ते हुए https://www.couchsurfing.com साइट का भी पता चला जिसके माध्यम से दुनिया भर में यायावरी करते हुये ठहरने का जुगाड़ हो सकता है।
किताब: लोग जो मुझमें रह गए
लेखिका: अनुराधा बेनीवाल
प्रकाशक : सार्थक राजकमल प्रकाशन का उपक्रम
कीमत : 299 रुपये
पेज : 168
अनुराधा बेनीवाल से बातचीत : https://www.youtube.com/watch?v=QBropfBk048
https://www.facebook.com/share/p/FKpni8PEzFXHekyR/
No comments:
Post a Comment