जाहिल की बात पे हल्ला-गुल्ला,
तुम भी क्या बौराये हो लल्ला?
जो कहता बच्चे चाहिये चार उसे
खुद काहे न करता बिस्मिल्ल्ला?
तुम भी क्या बौराये हो लल्ला?
जो कहता बच्चे चाहिये चार उसे
खुद काहे न करता बिस्मिल्ल्ला?
जाड़ा कितना जबर पड़ रहा,
सूरज अब तक काहे न निकला?
किरणों को नोटिस भिजवाओ,
उजाले से पता करो जी मामला।
ई कोहरा चहक रहा है 'नठिया'
इसके दुइ कंटाप लगाओ लल्ला।
चाय आ गयी गर्म चकाचक,
डालो कप में जल्दी से लल्ला।
आओ भैया सूरज चाय पिलाये
खत्म हो गयी तो मचाओगे हल्ला।
-कट्टा कानपुरी
सूरज अब तक काहे न निकला?
किरणों को नोटिस भिजवाओ,
उजाले से पता करो जी मामला।
ई कोहरा चहक रहा है 'नठिया'
इसके दुइ कंटाप लगाओ लल्ला।
चाय आ गयी गर्म चकाचक,
डालो कप में जल्दी से लल्ला।
आओ भैया सूरज चाय पिलाये
खत्म हो गयी तो मचाओगे हल्ला।
-कट्टा कानपुरी
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