इसे पढ़कर रागदरबारी के मास्टर मोतीराम याद आ गए:
एक लड़के ने कहा,"मास्टर साहब, आपेक्षिक घनत्व किसे कहते हैं?
वे बोले," आपेक्षिक घनत्व माने रिलेटिव डेन्सिटी।"
एक दूसरे लड़के ने कहा, "अब आप, देखिये साइंस नहीं अंग्रेजी पढ़ा रहे हैं।"
वे बोले,"साइंस साला बिना अंग्रेजी के कैसे आ सकता है।"
जब साइंस नहीं आ पाया बिना अंग्रेजी के तो इंजीनियरिंग ससुरी बिना अंग्रेजी के कैसे आ सकती है।
एक लड़के ने कहा,"मास्टर साहब, आपेक्षिक घनत्व किसे कहते हैं?
वे बोले," आपेक्षिक घनत्व माने रिलेटिव डेन्सिटी।"
एक दूसरे लड़के ने कहा, "अब आप, देखिये साइंस नहीं अंग्रेजी पढ़ा रहे हैं।"
वे बोले,"साइंस साला बिना अंग्रेजी के कैसे आ सकता है।"
जब साइंस नहीं आ पाया बिना अंग्रेजी के तो इंजीनियरिंग ससुरी बिना अंग्रेजी के कैसे आ सकती है।
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