मुन्ना पुलिया के पास खड़े अपनी झाड़ू ठीक करते हुए |
मुन्ना से उम्र पूछी तो बोले 35 साल। फिर बोले 45 साल। हमने कहा -'हमने पहले कभी तो कभी देखा नहीं तुमको पुलिया पर या आसपास।'
'लेकिन हमतो अक्सर/ रोज देखते रहते हैं आपको।' मुन्ना बोले।
'बाप हमारे मिलिट्री से रिटायर होकर जीसीएफ में भर्ती हुए। फिर वहां से
रिटायर होकर कुछ दिन जिए। दारु बहुत पीते थे। तबियत खराब हो गयी। मर गए।
माँ भी नहीं रही।'- मुन्ना ने अपने पिता के बारे में बताया।
'तुम नहीं पीते दारु ? -हमने पूछा।'
'कहां से पिएंगे? चार हजार रूपये महीने में ठेकेदार देता है। दो बच्चियां हैं। बीबी है।दारु पिएंगे तो परिवार कहाँ से पालेंगे।' -मुन्ना ने मुझे समझाया।
दो बेटियां हैं मुन्ना की। नाम बताया-निहारिका मलिक और अंशिका मलिक। कक्षा 8 और कक्षा 7 में पढ़ती हैं। हजार रूपये महीने फ़ीस के चले जाते हैं। साल के शुरू में दस/बीस हजार एडमिशन में लग जाते हैं।
सफाई के काम के अलावा सूअर पालने का काम करते हैं मुन्ना। उससे कुछ आमदनी हो जाती है।
'बच्चों को पालना है। चोरी-चमारी से बचाना है। इसलिए दारु नहीं पीते।' -मुन्ना ने कहा।
पैसे नहीं हैं इसलिए नहीं पीते। मतलब मन करता है पीने का। -मैंने पूछा।
'अरे मन तो बहुत कुछ करता है। लेकिन मन की करेंगे तो बच्चों की परवरिश कैसे होगी। इसलिए नशा नहीं करते'- मुन्ना ने कहा।
लेकिन दांत से लगता है पान/मसाला तम्बाकू खाते हो। - मैंने कहा।
हम तम्बाकू कभी-कभी खाते रहते हैं। आदत पड़ गयी है। इसके अलावा और कोई नशा नहीं करते। -मुन्ना बोले।
खुद को हरिजन बताया और बोले , कड़वा करतार हमारे कुल देवता हैं।
हमने कड़वा करतार का नाम पहली बार सुना। पता नहीं कि ये देवता 33 कोटि देवताओं में शामिल हैं या वहां से 'बिरादरीबदर' हैं।
फोटो दिखाई तो मुन्ना ने मोबाईल में घुसकर देखी। दिखाकर हम दफ्तर चले आये। मुन्ना सड़क बुहारने लगे होने। हम फ़ाइल निपटाने लगे। अपनी-अपनी रोजी कमाने में जुट गए दोनों लोग। :)
https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10207264243137832?pnref=story
'तुम नहीं पीते दारु ? -हमने पूछा।'
'कहां से पिएंगे? चार हजार रूपये महीने में ठेकेदार देता है। दो बच्चियां हैं। बीबी है।दारु पिएंगे तो परिवार कहाँ से पालेंगे।' -मुन्ना ने मुझे समझाया।
दो बेटियां हैं मुन्ना की। नाम बताया-निहारिका मलिक और अंशिका मलिक। कक्षा 8 और कक्षा 7 में पढ़ती हैं। हजार रूपये महीने फ़ीस के चले जाते हैं। साल के शुरू में दस/बीस हजार एडमिशन में लग जाते हैं।
सफाई के काम के अलावा सूअर पालने का काम करते हैं मुन्ना। उससे कुछ आमदनी हो जाती है।
हमने कहा जरा इधर मुंह करो तो करके फोटो खिंचा लिए मुन्ना |
पैसे नहीं हैं इसलिए नहीं पीते। मतलब मन करता है पीने का। -मैंने पूछा।
'अरे मन तो बहुत कुछ करता है। लेकिन मन की करेंगे तो बच्चों की परवरिश कैसे होगी। इसलिए नशा नहीं करते'- मुन्ना ने कहा।
लेकिन दांत से लगता है पान/मसाला तम्बाकू खाते हो। - मैंने कहा।
हम तम्बाकू कभी-कभी खाते रहते हैं। आदत पड़ गयी है। इसके अलावा और कोई नशा नहीं करते। -मुन्ना बोले।
खुद को हरिजन बताया और बोले , कड़वा करतार हमारे कुल देवता हैं।
हमने कड़वा करतार का नाम पहली बार सुना। पता नहीं कि ये देवता 33 कोटि देवताओं में शामिल हैं या वहां से 'बिरादरीबदर' हैं।
फोटो दिखाई तो मुन्ना ने मोबाईल में घुसकर देखी। दिखाकर हम दफ्तर चले आये। मुन्ना सड़क बुहारने लगे होने। हम फ़ाइल निपटाने लगे। अपनी-अपनी रोजी कमाने में जुट गए दोनों लोग। :)
https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10207264243137832?pnref=story
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " सुपरस्टार कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग नहीं रहे - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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