घरैतिन से हम बोले, मोहब्बत का कोई गीत गुनगुनाओ
झोला थमा के वो बोली, जाओ भाग के सब्जी ले आओ।
मोहब्बत की पाठशाला का ये मजेदार चलन है यारों ,
जो कभी पढ़ा नहीं, सलाहें देता है हेडमास्टर सरीखी।
मोहब्बत की बात की , सब दोस्त टोंकने लगे,
ये हम कर लेंगे, तुम कुछ और काम देख लो।
-कट्टा कानपुरी
झोला थमा के वो बोली, जाओ भाग के सब्जी ले आओ।
मोहब्बत की पाठशाला का ये मजेदार चलन है यारों ,
जो कभी पढ़ा नहीं, सलाहें देता है हेडमास्टर सरीखी।
मोहब्बत की बात की , सब दोस्त टोंकने लगे,
ये हम कर लेंगे, तुम कुछ और काम देख लो।
-कट्टा कानपुरी
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