Saturday, May 28, 2016

हिन्दुस्तान-पाकिस्तान मतलब -नेहरू और जिन्ना का अंतर

इधर भारत में कुछ महिलाओं द्वारा यौन सम्बन्धों में आजादी की बात चल रही है उधर पाकिस्तान में पत्नी द्वारा शारीरिक संबंध के लिए मना करने पर पिटाई की आजादी मांगी जा रही है।

पाकिस्तान में प्रस्तावित विधेयक में यह कहा गया है कि यदि पत्नी पति की बात नहीँ मानती, उसकी इच्छा के मुताबिक कपडे नहीं पहनतीं और शारीरिक संबन्ध बनाने को तैयार नहीं होती तो पति को अपनी पत्नी की थोड़ी सी पिटाई की इजाजत मिलनी चाहिए।

यदि कोई महिला हिजाब नहीं पहनती है, अजनबियों के साथ बात करती है, तेज आवाज में बोलती है और अपने पति की सहमति के बगैर लोगों की वित्तीय मदद करती है तो उसकी पिटाई करने की भी आजादी मिलनी चाहिए। 

हालांकि हाजी मोहम्मद सलीम का कहना है कि यह अव्यवहारिक है पर कुछ लोग तो यह मांग कर ही रहे हैं।
हिंदुस्तान में इधर कुछ महिलाएं 'फ्री सेक्स' की बात कर रही हैं वहीँ पाकिस्तान में कुछ पुरुष 'थोड़ी पिटाई' की इजाजत मांग रहे हैं। कितनी विविधता है मांगों में। क्या पता पाकिस्तान में विधेयक पारित होने पर कुछ 'हिंदुस्तानी मर्दों' के मन पाकिस्तान जाने के लिए मचलने लगें।

अब अगर हम पूछने लगें कि क्या दोनों देशों की आजादी में

नेहरू और जिन्ना का अंतर है तो क्या यह पोस्ट राजनैतिक हो जायेगी?

अगर हाँ तो भैया हम नहीं पूछ रहे कुछ ऐसा। फिर तो सिर्फ यही कहेंगे -'भारतमाता की जय, वन्देमातरम, इंकलाब जिंदाबाद।'

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