Thursday, January 21, 2016

हर जगह अच्छे-बुरे लोग होते हैं

अग्वाद का क़िला का वर्णन
कल शाम को क्लास के बाद हम लोग पास में ही स्थित अग्वाद का किला देखने गये। अग्वाद शब्द का अर्थ पुर्तगाली भाषा में पानी का स्थल होता है। किला दो हिस्सों में है। नीचे का हिस्सा पानी जमा करने के लिये और ऊपर का हिस्सा सुरक्षा के लिहाज से किले के रूप में।

यह किला 1612 में बनाया गया। जहाजों को पानी देने के लिये बनाये इस किलें में 23.76 गैलन पानी जमा किया जा सकता थी। जहाजों के प्रकाश स्तम्भ के रूप में इसका उपयोग होता था। वहां दी गयी सूचना के अनुसार पहले प्रकाश का उत्सर्जन 7 मिनट में एक बार होता था। 1964 में 30 सेकेंड में एक बार होने लगा और फ़िर 1976 में बंद कर दिया गया।

किले पर पहुंचते ही अलग-अलग जगह खड़े होकर लोग धड़ाधड़ फ़ोटोबाजी में जुट गये। मोबाइल में कैमरे के साइड इफ़ेक्ट हैं यह कि अब हम लोग किसी चीज को देखते बाद में हैं, उसका फ़ोटो पहले खींचते हैं। फ़ोटो भी खींचते ही घर वालों, दोस्तों को फ़ार्वर्ड करते हैं और फ़िर मोबाइल में मेमोरी की समस्या होने पर डिलीट कर देते हैं।

राजीव कुमार के साथ अनूप शुक्ल
किले के बाहर तरह-तरह की दुकानें लगी हुई थीं। हमारे कुछ साथियों ने गोवा के हैट खरीदे , कुछ ने गोवा लिखी हुई टी शर्ट। खरीदारी में संकोच करने वालों के लिये यह काम उनकी सहधर्मिणियों ने किया। पत्नी के लिये पति भी एक आइटम होता है। (http://fursatiya.blogspot.in/2009/08/blog-post.html) उसकोअच्छे से पहना-ओढ़ा कर अच्छे से रखना उनके जरूरी कामों में से मुख्य काम होता है।

अग्वाद के किले से निकलकर हम लोग अंजना बीच देखने गये। वहां पहुंचने तक शाम हो चली थी। लेकिन काम भर का उजाला बाकी था।

अंजना बीच पथरीली चट्टानों वाला बीच है। यहां रेत नहीं है। चट्टाने हैं बस। उनपर बैठकर, खड़े होकर फ़ोटो खिंचाकर चल देने वाला बीच। हमारे साथ के लोग नीचे बीच की चट्टानों पर उतरकर अपने साथियों के साथ कैमरा चमकाने लगे। हम ऊपर से ही नजारे देखने लगे। सूरज भाई अपनी दुकान समेटकर वापस जाने की तैयारी कर चुके थे। क्षितिज पर समुद का काला पानी और सूरज की लालिमा अलग-अलग नजर आ रही थी।


इलेनार (22) और आरोन (28)
वहीं बीच किनारे पुलिया पर एक बहुत प्यारा जोड़े से मुलाकात, बातचीत हुई। आरोन(aaron), उम्र 28 साल और इलेनार (eleanor), उम्र 22 साल इंग्लैंड से भारत घूमने आये हैं। 6 महीने के लिये भारत भ्रमण में 1 महीना गोवा घूमने के लिये रखा है। आरोन फ़िल्म निर्माण के काम से जुड़ा है। इंतजामकर्ता टाइप। सूटिंग होने से पहले सब इंतजाम पक्का है कि नहीं यह सब देखने का काम करता है। इलेनार ट्रेनी हाउस वाइफ़ है पिछले छह महीने से ऐसा बताया इलेनार ने।

इलेनार के पीठ पर रखे बैग की तरफ़ इशारा करते हुये आरोन ने बताया कि यह बैग भी बना लेती है और यह बैग इसने ही बनाया है।

इसके पहले भी भारत आ चुका है आरोन, कुछ दिन पहले थाईलैंड भी गया था लेकिन इलेनार के साथ घूमने का यह पहला मौका है।


इलेनार और आरोन -प्यारा जोड़ा
भारत के अनुभवों के बारे में बताते हुये आरोन ने कहा- ’अभी तक कोई समस्या नहीं हुई। लोग अच्छे हैं। हेल्पफ़ुल हैं। अच्छा लग रहा है भारत में। मौसम बहुत अच्छा है। इंगलैंड में इस समय जाड़े का मौसम है। यहां का मौसम खूबसूरत है।’

इसके बाद उसने कहा-’ हर जगह अच्छे-बुरे लोग होते हैं। यह अच्छी बात है कि हमको अभी तक सब लोग अच्छे ही मिले।’

हम लोगों के बारे में भी उसने तमाम सारे सवाल पूछे। रोजमर्रा के सामान कहां मिल सकते हैं इसके बार में जानकारी मांगी। हमको जैसा समझ आया हमने बताया। इसके बाद वे बाय-बाय करके चले गये। हम भी अपने साथियों की टोली में शामिल हो गये। वे सब बीच नीचे से ऊपर की ओर वापस आ रहे थे।

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