मेस से बाहर निकलते ही बनी पुलिया पर आराम करते मिले अजय रायकवार। रांझी में रहते हैं। हाईस्कूल तक पढ़ाई किये हैं। बेलदारी का काम करते हैं। बेलदारी मतलब भवन निर्माण के काम में सामान उठाने धरने का काम। मेहनत मजूरी। रोज के 180/- मिल जाते हैं।
पहले पुताई का काम करते थे। दीवाली के बाद वह काम खत्म हो जाएगा यह सोचकर बेलदारी करने लगे। रांझी में रहते हैं। आज घर से निकले काम पर जाने के लिए लेकिन तबियत कुछ ठीक नहीं लगी तो गए नहीं काम पर। पुलिया पर लेटकर आराम करने लगे।
अजय के पिता सब्जी बेचते हैं। दो बहनें थीं उनकी शादी हो गयी है। शादी अजय की भी हो गयी। एक बिटिया है 6 महीने के। नाम है आरोही।
पहले पुताई का काम करते थे। दीवाली के बाद वह काम खत्म हो जाएगा यह सोचकर बेलदारी करने लगे। रांझी में रहते हैं। आज घर से निकले काम पर जाने के लिए लेकिन तबियत कुछ ठीक नहीं लगी तो गए नहीं काम पर। पुलिया पर लेटकर आराम करने लगे।
अजय के पिता सब्जी बेचते हैं। दो बहनें थीं उनकी शादी हो गयी है। शादी अजय की भी हो गयी। एक बिटिया है 6 महीने के। नाम है आरोही।
बात करके हम दफ्तर की तरफ चल दिए। फिर कुछ याद आया तो वापस लौटे। पूछा अजय से-'टीवी देखते हो?'
अजय बोले-'हाँ, देखते हैं। कभी-कभी।'
हमने पूछा-'आजकल टीवी पर शाहरुख खान पर बहस हो रही है। बयानबाजी हो रही है। उसके बारे में कुछ पता है'
वो बोला-' नहीं हमको कुछ नहीं पता इस बारे में।'
आगे वह कुछ नहीं बोला। पर बिना उसके चेहरे पर जो भाव आया उसका मतलब शायद यही था कि ये सब बातें हमारी समझ से बाहर हैं। बड़े लोगों के चोंचले हैं यह।
अच्छा हुआ हम शाहरुख खान की बात पूछकर ही चुप हो रहे। सहिष्णुता-असहिष्णुता की बात करते तो पता नही क्या जबाब देता वह।
है कि नहीँ :)
अजय बोले-'हाँ, देखते हैं। कभी-कभी।'
हमने पूछा-'आजकल टीवी पर शाहरुख खान पर बहस हो रही है। बयानबाजी हो रही है। उसके बारे में कुछ पता है'
वो बोला-' नहीं हमको कुछ नहीं पता इस बारे में।'
आगे वह कुछ नहीं बोला। पर बिना उसके चेहरे पर जो भाव आया उसका मतलब शायद यही था कि ये सब बातें हमारी समझ से बाहर हैं। बड़े लोगों के चोंचले हैं यह।
अच्छा हुआ हम शाहरुख खान की बात पूछकर ही चुप हो रहे। सहिष्णुता-असहिष्णुता की बात करते तो पता नही क्या जबाब देता वह।
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