आज
पुलिया पर फ़िर अजय तिवारी जी से मुलाकात हुयी। देखते ही हाथ को झंडे की
तरह लहराकर नमस्ते किये। इतवार को वापस लौटने वाले थे बिलासपुर लेकिन गये
नहीं। छुट्टी बढ़ा लिये। बेटा नया नया वकालत करना शुरु किया है। बेटे की
वकालत जमाने में सहयोग करने के लिये रुके तिवारीजी उसको कुछ बिल्डरों,
ठेकेदारों से मिलवाकर उनके केस बेटे को दिलवा रहे हैं। अदालतों का काम-धाम
ऐसे ही चलता रहता है भाई! प्राइवेट कहीं काम करते होते
तिवारी जी तो शायद ऐसे छुट्टी बढ़वाकर पुलिया पर बैठे न होते। सरकारें भली
मानुष होती हैं। अपने कर्मचारियों को ढेर आजादी देती हैं- काम करने /न करने
की।
तिवारी जी के साथ बैठे भाई हमारी ही फ़ैक्ट्री से रिटायर हुये नवम्बर 2013 में। गाड़ी के टायर फ़िट करने वाली असेम्बली लाइन में काम करते थे। पूछा तो बताया कि हमको पहचानते नहीं हैं। अभी अपने फ़ैक्ट्री के क्वार्टर में ही रहते हैं। खाली नहीं किया है।
यह मुलाकात बुर्जुआ पुलिया पर हुई। सर्वहारा पुलिया पर कोई नहीं बैठा था सुबह।
तिवारी जी के साथ बैठे भाई हमारी ही फ़ैक्ट्री से रिटायर हुये नवम्बर 2013 में। गाड़ी के टायर फ़िट करने वाली असेम्बली लाइन में काम करते थे। पूछा तो बताया कि हमको पहचानते नहीं हैं। अभी अपने फ़ैक्ट्री के क्वार्टर में ही रहते हैं। खाली नहीं किया है।
यह मुलाकात बुर्जुआ पुलिया पर हुई। सर्वहारा पुलिया पर कोई नहीं बैठा था सुबह।
- महेंद्र मिश्र लगता है कि तिवारी जी का "योगालय" और "कार्यालय" इसी पुलिया में है जो सारे काम यही से निपटाते हैं
- Kiran Dixit Pulliya he hai chahe servhara pulliya ho ya bujuraa pulliya .Tewari ji roj ke grahak ke tareh milne lage, kyoki photo khichvane ki adat jo per gaye hai. Tumhye bhe likhaney ka matter chahiye tiwari ji se accha matter kuch ho nahi sakta.
- महेंद्र मिश्र हा हा तिवारी जी का योगालय और कार्यालय पुलिए में है तो इनका शौचालय भी जरूर यही आसपास होगा ...
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