कल रात पार्टी से लौटते हुए पुलिया के पास से गुजरे। दो लड़के सर्वहारा पुलिया पर बैठे थे। बात करते हुए पता चला कि वे फैक्ट्री में ही एक ठेकेदार के साथ मजदूर का काम करते हैं। बात करते-करते दोनों खड़े हो गए। हिलने-डुलने लगे।जबान पहले ही हिल रही थी। अब शरीर भी लड़खड़ाने लगा।सुरूर में थे दोनों। पिए हुए। बताया एक-एक क्वार्टर पिए हैं। बात करते हुये बालक खुद सफाई देने लगे-"रोज नहीं पीते हैं। आज थोड़ी पिए हैं। नशे में थोड़ी हैं। गलती सबसेहो जाती है।"
हमने कहा -"अरे डरो नहीं। मस्त रहो। आराम से बैठो। लेकिन नशे में मोटरसाइकिल ध्यान से चलाना।कुछ देर बाद घर जाना जब कुछ सुरूर कम हो जाए।"
उनमें से एक जो ज्यादा नशे में था उसने दूसरे को समझाते हुए कहा-"अरे परेशान मत हो। साहब लोग सब समझते हैं। "
अपने लिए समझदार सुनकर हम सही में समझदार हो गये और उनको उनकी दुनिया में छोड़कर अपने कमरे में लौट आये।
सर्वहारा पुलिया सबकी शरण स्थली है। मेहनत करके आये के सुस्ताने के लिए भी और नशे में आनंदित के लिए भी। पुलिया सबके लिए समान सुविधा देती है। स्व.वली असी का शेर है:
................सागर-ओ-जाम रखते हैं,
फकीर सबके लिए इंतजाम रखते हैं।
इसे पोस्ट करते हुये कैलाश बाजपेयी की कविता पंक्तियां याद आ गयीं:
वक्त कुछ कहने का खत्म हो चुका है
जिन्दगी जोड़ है ताने-बाने का लम्बा हिसाब
बुरा भी उतना बुरा नहीं यहां
न भला है एकदम निष्पाप।
अथक सिलसिला है कीचड़ से पानी से
कमल तक जाने का
पाप में उतरता है आदमी फिर पश्चाताप से गुजरता है
मरना आने के पहले हर कोई कई तरह मरता है
यह और बात है कि इस मरणधर्मा संसार में
कोई ही कोई सही मरता है।
कम से कम तुम ठीक तरह मरना।
नदी में पड़ी एक नाव सड़ रही है
और एक लावारिश लाश किसी नाले में
दोनों ही दोनों से चूक गये
यह घोषणा नहीं है, न उलटबांसी,
एक ही नशे के दो नतीजे हैं
तुम नशे में डूबना या न डूबना
डुबे हुओं से मत ऊबना।
अपने लिए समझदार सुनकर हम सही में समझदार हो गये और उनको उनकी दुनिया में छोड़कर अपने कमरे में लौट आये।
सर्वहारा पुलिया सबकी शरण स्थली है। मेहनत करके आये के सुस्ताने के लिए भी और नशे में आनंदित के लिए भी। पुलिया सबके लिए समान सुविधा देती है। स्व.वली असी का शेर है:
................सागर-ओ-जाम रखते हैं,
फकीर सबके लिए इंतजाम रखते हैं।
इसे पोस्ट करते हुये कैलाश बाजपेयी की कविता पंक्तियां याद आ गयीं:
वक्त कुछ कहने का खत्म हो चुका है
जिन्दगी जोड़ है ताने-बाने का लम्बा हिसाब
बुरा भी उतना बुरा नहीं यहां
न भला है एकदम निष्पाप।
अथक सिलसिला है कीचड़ से पानी से
कमल तक जाने का
पाप में उतरता है आदमी फिर पश्चाताप से गुजरता है
मरना आने के पहले हर कोई कई तरह मरता है
यह और बात है कि इस मरणधर्मा संसार में
कोई ही कोई सही मरता है।
कम से कम तुम ठीक तरह मरना।
नदी में पड़ी एक नाव सड़ रही है
और एक लावारिश लाश किसी नाले में
दोनों ही दोनों से चूक गये
यह घोषणा नहीं है, न उलटबांसी,
एक ही नशे के दो नतीजे हैं
तुम नशे में डूबना या न डूबना
डुबे हुओं से मत ऊबना।
- Anoop Shukla, Pramod Kumar Tiwari, Umesh Kumar और 51 अन्य को यह पसंद है.
- Amit Kumar Srivastava पता नहीं मंगल पर पुलिया होगी कि नहीं । अगर पुलिया होगी तभी जीवन की संभावना है वहां ।
- Kiran Dixit पुलिया सूनी है लड़के नदारद हैं लेकिन लिखने वाला जागृत है।मामला कुछ समझ में नहीं आया।पुलिया कम आज कविता ज्यादा पसंद आई।
- Ram Kumar Chaturvedi · 3 पारस्परिक मित्रआज पुलिया सुनसान क्यों है।
- सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी क्लिक करने से पहले दोनो बेवड़े रफूचक्कर हो लिए या आपने उनकी प्राइवेसी को इज्जत बख्श दी?
- Sunil Verma आज से 200 साल बाद लन्दन के मैडम तुषाद म्यूजियम में इस सर्वहारा पुलिया की मोम की प्रतिकृति देखने को रखी जायेगी।
- Ashok Kungwani नशा ही नशा है हर सूँ तारी
कौन कहाँ किसपे कैसे भारी,
अजब हैं जहाँ के खेल तमाशे ...और देखें - Rajesh Agarwal sarvahara pulia vritta aur ye kailash vajpayiji ki kavita, dil chhu gayi andar tak. great.
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