सुबह सुबह काम के लिये निकले लोग। पुलिया के पीछे नाला दिखा तो हल्के हो लिये। भाईजी लोग सुहागी में ठेकेदार का काम करते हैं। फ़ोटो में दिख रहे भाई लेबर का काम करते है। इनके साथ वाले मेसन भाई हल्के हो रहे हैं-नेपथ्य में। खाना है टिफ़िन में। जिन्होंने इनको सुबह-सुबह टिफ़िन दिया होगा बनाकर वे सबसे पहले काम पर लग गयी होंगी। सोयी भी शायद सबसे देर में हो।
- Vijay Tiwari Sach anoop ji aapne aaj patniyon ka ullekh kiya. Hamen achchha laga.
Hamaare jeewan ki "reedh" hoti hain. - Kiran Dixit Pulliya kitne logon ke aur kitney prakar ke samasyaon ka nirakern kerti hai. Kam kaju insan hain ,paisva kama ke late hai to khana banaker dena to gharetin ki jemevari banti hai n.
- Ali Syed कुछेक साल आप जबलपुर में बने रहे और पुलिया प्रसंग भी जारी रहा तो फिर हम आपको पुलत्स्य ऋषि वत मान लेंगे
- Siddheshwar Singh "खाना है टिफ़िन में। जिन्होंने इनको सुबह-सुबह टिफ़िन दिया होगा बनाकर वे सबसे पहले काम पर लग गयी होंगी। सोयी भी शायद सबसे देर में हो।" फिर भी वे अनुपस्थित रहेंगी...हर उपस्थिति में..। वैसे ये पुलिया बनाई / बनवाई किन्नें?
- पूजा 'कनुप्रिया' जिन्होंने इनको सुबह-सुबह टिफ़िन दिया होगा बनाकर वे सबसे पहले काम पर लग गयी होंगी। सोयी भी शायद सबसे देर में हो।
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