अगर जीवन में समय को पीछे ले जाकर किसी भी एक क्षण में जाना सम्भव होता तो मैं बिना किसी दुविधा के अपने गुरूजी के साथ होने का निर्णय लेता। उनकी अनुपस्थिति को रोकता।
आज अपने गुरूजी को एक बार फिर से याद करते हुए आँखों में अनायास आंसू आ गए। यह फोटो गुरूजी के बेटे Pankaj Bajpai के सौजन्य से। इसके पहले उनकी जो फोटो मेरे पास थी वह मेरी शादी के रिसेप्शन की थी।
आज अपने गुरूजी को एक बार फिर से याद करते हुए आँखों में अनायास आंसू आ गए। यह फोटो गुरूजी के बेटे Pankaj Bajpai के सौजन्य से। इसके पहले उनकी जो फोटो मेरे पास थी वह मेरी शादी के रिसेप्शन की थी।
No comments:
Post a Comment