Friday, September 18, 2015

'याद बटन' डिसेबल कर दिया जाए

मोबाइल का नेट कनेक्शन ऑफ करने से पहले ऐसे ही ख्याल आया कि क्या ऐसा सम्भव है कि जब मन आये तब मन का 'याद बटन' डिसेबल कर दिया जाए।

दुनिया का तमाम सारा तनाव तामझाम हो सकता है इससे कम हो जाए। चिंता के चलते ब्लड प्रेसर वालों को रोज एक घंटे का 'याद बटन' डिसेबल का डोज। घर,परिवार से दूर रहने वाला जहां घर की याद आई 'याद बटन' बन्द कर लेगा।

पता नहीं फायदे कितने होगें लेकिन नुकसान भी बहुत हो सकते हैं। पता चला आदमी घर से बाहर सब्जी खरीदने निकला और उसका 'याद बटन' बन्द हो गया। वह बीच सड़क में ही स्टेच्यू बना खड़ा रहेगा। कोई उसको किनारे करेगा। घर आकर पड़ा रहेगा।

किसी मित्र ने किसी को मिलने का वायदा किया। एन मौके पर उसका 'याद बटन' दब गया। मुलाक़ात नहीं होगी। फिर कभी मिलने पर शिकवा शिकायत पर बहानेबाजी होगी-अरे निकल लिए थे भाई घर से। लेकिन वो मेमोरी बटन दब तो। भूल गए किधर जाना है।

यह लिखना क्यों शुरू किये थे। भूल गए। लगता है 'याद बटन' दब गया। ठीक है भाई सोते हैं। सारे बटन बन्द करके।:)

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