बहुत कोशिश की हमने, कि थोड़ा सा सुधर जाएँ,
लेकिन दिल ने टोंक दिया, काहे को बदलना जी।
एक हमारे सुधरने से,दुनिया तो बदलने से रही,
फिर बेमतलब काहे को, बेफालतू भला बनना जी।
बहुत सताएंगी ये बुरी आदतें, बिछुड़ जाने पर
कौन भैस खोली है,इनसे काहे पल्ला छुडाएं जी।
-कट्टा कानपुरी
*शाइर ने यहां 'फालतू' की जगह 'बेफालतू' लिखा है। ये कुछ ऐसा ही है जैसे महाराजाधिराज के पहले श्री और फिर 1008 भी लगाया जाये। या फिर 'बेस्ट' को 'सबसे बेस्ट' लिखते हैं लोग।
लेकिन दिल ने टोंक दिया, काहे को बदलना जी।
एक हमारे सुधरने से,दुनिया तो बदलने से रही,
फिर बेमतलब काहे को, बेफालतू भला बनना जी।
बहुत सताएंगी ये बुरी आदतें, बिछुड़ जाने पर
कौन भैस खोली है,इनसे काहे पल्ला छुडाएं जी।
-कट्टा कानपुरी
*शाइर ने यहां 'फालतू' की जगह 'बेफालतू' लिखा है। ये कुछ ऐसा ही है जैसे महाराजाधिराज के पहले श्री और फिर 1008 भी लगाया जाये। या फिर 'बेस्ट' को 'सबसे बेस्ट' लिखते हैं लोग।
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