आज सोचे टहलने न जायेंगे। लेकिन जब उठ गए तो निकल लिए। हनुमान मंदिर की
तरफ जाते हुए देखा पांच लोग बीच सड़क पर चौड़े होकर तेजी से टहलते हुए जा रहे
थे। लगभग पूरी सड़क की चौड़ाई पांच लोगों के कब्जे में थे। लगभग के बाद बची
हुई सड़क से हम आगे निकल गए।
एक अखबार वाला अखबार लिए निकला और यूको बैंक में डालकर चला गया।
सामने से करीब 15-20 बच्चे मस्ती सरीखा कुछ करते हुए आ रहे थे। दो बच्चों से पता किया तो उन्होंने बताया कि वे सब मड़ई में रहते हैं। सुबह 4 बजे निकले हैं टहलने। स्कूल 10 बजे से है।
एक अखबार वाला अखबार लिए निकला और यूको बैंक में डालकर चला गया।
सामने से करीब 15-20 बच्चे मस्ती सरीखा कुछ करते हुए आ रहे थे। दो बच्चों से पता किया तो उन्होंने बताया कि वे सब मड़ई में रहते हैं। सुबह 4 बजे निकले हैं टहलने। स्कूल 10 बजे से है।
एक बच्चे ने बताया कि वह 4 में पढ़ता है।उससे पूछा पहाड़ा आता है? उसने
कहा-हां। फिर उसने 10 और 11 का पहाड़ा सुनाया। इसके आगे के पहाड़े के लिए
उसने मामला अपने दोस्त को सौंप दिया जो कक्षा 7 में पढ़ता है। उसको 22 तक का
पहाड़ा आता है। बच्चे ने 19 का पहाड़ा सुना दिया और दोस्तों के साथ भागता
हुआ चला गया।
फैक्ट्री के गेट नम्बर 1 के पास की चाय दुकान पर चाय पी। रात की ड्यूटी वाले ड्यूटी पूरी करके घर जा रहे थे। घर जाने से पहले चाय की दुकान पर चाय पी रहे थे।
एक ने बताया कि रात 1 बजे सो गया था वह। बारी-बारी से लोग जागते रहे। रात की ड्यूटी भी एक बवाल है। लेकिन दुनिया भर में लोग करते हैं।दुनिया की प्रगति के लिए सब करना पड़ता है।
चाय की दुकान पर जलेबी छन रही थी। पोहा थाली में सजा था। दो बच्चे उकड़ू बैठे पोहा खा रहे थे।बताया कि दो किलोमीटर दौड़ के आये हैं। हमने पूछा-पसीना तो दिख नहीँ रहा। बोला-सूख गया। जाड़ा पड़ रहा है न।
हम वापस लौट आये। अख़बार आ गया था। ख़बरें सरसरी तौर पर देखीं। आप भी बांचिये:
1. घोटाले के जांच करवाने लोकायुक्त के पास खुद ही पहुंचे प्रमुख सचिव
2.नेहरू की भांजी ने लौटाया साहित्य अकादमी पुरस्कार।
3. दिल्ली में विधायकों का वेतन 4 गुना करने की सिफारिश।
4. जबलपुर और आसपास के जिलों में डेंगू फ़ैल रहा।
5.दादरी काण्ड के चलते हो रही है देश की बदनामी।
यह सब लिखते हुए टीवी पर भी खबरें आ रही हैं। सूरज भाई बाहर से गुडमार्निंग कर रहे हैं। चिड़ियाँ चहचहाने लगीं हैं। सुबह हो गयी है। शुभ हो। मंगलमय हो। जय हो।
फैक्ट्री के गेट नम्बर 1 के पास की चाय दुकान पर चाय पी। रात की ड्यूटी वाले ड्यूटी पूरी करके घर जा रहे थे। घर जाने से पहले चाय की दुकान पर चाय पी रहे थे।
एक ने बताया कि रात 1 बजे सो गया था वह। बारी-बारी से लोग जागते रहे। रात की ड्यूटी भी एक बवाल है। लेकिन दुनिया भर में लोग करते हैं।दुनिया की प्रगति के लिए सब करना पड़ता है।
चाय की दुकान पर जलेबी छन रही थी। पोहा थाली में सजा था। दो बच्चे उकड़ू बैठे पोहा खा रहे थे।बताया कि दो किलोमीटर दौड़ के आये हैं। हमने पूछा-पसीना तो दिख नहीँ रहा। बोला-सूख गया। जाड़ा पड़ रहा है न।
हम वापस लौट आये। अख़बार आ गया था। ख़बरें सरसरी तौर पर देखीं। आप भी बांचिये:
1. घोटाले के जांच करवाने लोकायुक्त के पास खुद ही पहुंचे प्रमुख सचिव
2.नेहरू की भांजी ने लौटाया साहित्य अकादमी पुरस्कार।
3. दिल्ली में विधायकों का वेतन 4 गुना करने की सिफारिश।
4. जबलपुर और आसपास के जिलों में डेंगू फ़ैल रहा।
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