सामने पुलिया पर भाईसाहब भी काम पर जाने के पहले आरामफरमा हैं।
- Rudra Rawat Wakai aap khatranak type kae bande ho......sabki photo letae ho......kisi nae rojgar diya hai kya पूल par joh bhi baithe uski photo khichna or fb pae update karna....kuch sarkari kaam bhi kar liya karo
- Jyoti Singh ये पुलिया नही मानो सभी आने जाने वालो के लिए ब्रेक अड्डा है .जहॉ हाजरी देना जरूरी है ,कही ये एेतिहासिक न बन जाये आपकी मेहरबानी से
- Naveen Tripathi रूद्र जी की बात से आप सहमत हों तो हों पर मै नहीं तश्वीरे खीचना संवेदन शीलता की निशानी है । जो व्यक्ति जितना अधिक संवेदनशील है वह उतना अधिक कार्यशील भी होता है ।
खतरनाक शब्द का प्रयोग किस आशय में हुआ ये रहस्य ही है । लगता है चिंतन मुक्त भाषा शैली ही है । - Rk Nigam य़े अवसरकारी काम है फोटो खींचना आदि सबके बस का नहीं है ... अनूप जी आप तो बस लगे रहो लोगों का काम है कहना.....
- Nirupma Pandey फोटो खीचना बड़ी बात नहीं हें बड़ी बात हें शब्दों का जामा पहनाना {जो आप बखूबी कर रहे हें } उससे फोटो जीवंत हो उठती हें लकिन इस पुलिया से मुझे इक शिकायत हें इसने सूरज दादा ki जगह ले ली हें ....
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