Sunday, June 15, 2014

यह हंसी बहुत कुछ कहती है

बतियाते हुए रामफल के दोस्त गोपाल आ गये। पुराने साथी। पास के क़ारखाने में काम करते हैं। रामफल ने बताया -"गोपाल के पिता हमारे साथ के थे।" उम्र की बात चली तो बताने लगे किसी के बारे में कि वे पूरा सौ करके गए। हमने कहा -"आप भी अभी पचीस साल जियोगे।" सुनकर मुस्कराने लगे रामफल यादव। हमको कविता पंक्ति याद आ गई-

यह हंसी बहुत कुछ कहती है।

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