दूध वाले भाईजी ने चलने के पहले 'चैतन्य चूर्ण' रगड़ते हुए खाया तो हमें तम्बाकू को नुकसान देह बताने वाले तमाम विज्ञापन याद आये और तम्बाकू की लोकप्रियता को बताने वाला यह दोहा भी:
कृष्ण चले बैकुंठ को,तब ने राधा पकड़ी बांह,
हियाँ तम्बाकू खाय लेव हुवां तम्बाकू नाय।
- Madhav Kendurkar Kamal hai sir, Tambakhu khate hue dudh wale ko dekh kar doha yad aana. Wakai kamal.
- Krishn Adhar इतना अभिनव होहा तो आप की श्री लेखनी से निःश्रत लगता है,और निश्चित कानपुर की उर्वरा खैनी प्क्त धरती पर।
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