सबेरे सतीश सक्सेना जी ने पुलिया की फोटो साझा करते हुए मंशा जाहिर की कि वे पुलिया के दर्शन करना चाहते हैं। जानकारी के लिए बताते चलें कि यहाँ दो पुलिया आमने-सामने हैं।जिस पुलिया के फोटो हमने अभी तक लगाये उस पर दिहाड़ी कमाने वाले, ठेलिया वाले और अन्य कामगार सुस्ताते हैं। सतीश जी इसके दर्शन भले करें लेकिन वहां सुस्ताने के हकदार नहीं हैं।
उनके सुस्ताने के लिए सामने की पुलिया मुफीद है। यहाँ आसपास की निर्माणियों के रिटायर्ड लोग आराम फरमाते हैं। एक ही सड़क के दो छोर पर बनी एक सी लगती पुलिया पर सुस्ताने वालों की सामाजिक हैसियत अलग है।
आज शाम को दूसरी छोर पर बनी पुलिया पर ओमप्रकाश गनौरिया बैठे मिले। जीसीऍफ़ फैक्ट्री से 2009 में रिटायर गनौरिया जी मूलत: शिकोहाबाद उप्र के रहने वाले हैं। अब जबलपुर में बस गये। बातचीत के दौरान तमाम यादें साझा हुईं। कई अधिकारियों से जुडी यादें ताजा की गयीं। पहली बार मिलने पर दस मिनट में ही हमने कई साल साथ दोहरा लिए।
आइये सतीश जी पुलिया आपका इन्तजार कर रही है।
- प्रवीण 'सुनिये मेरी भी' आइये सतीश जी पुलिया आपका इन्तजार कर रही है। ... और सुकुल जी भी कैमरा हाथ में लिये, फेसबुक पर तुरन्तै स्टेटस अपडेट करने को ...
- Satish Saxena वही चमत्कारी पुलिया है , यह पोस्ट तो उससे ध्यान हटाने के लिए लिख मारी है !
वैसे ओमप्रकाश जी को प्रणाम ! - महेंद्र मिश्र http://mahendra-mishra1.blogspot.in/.../05/blog-post_24.html
- Raj Bhatia · Gyan Dutt Pandey और 141 others के मित्रपुलिया भी अमीर गरीब का भेद भाव रखती हे क्या..?
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