सबेरे उठे तो देखा पेड़-पौधे राजा बेटा बने खड़े थे। धुले-धुले। खिले-खिले। कतार में खड़े युकिलिप्ट्स ऐसे लग रहे थे मानों किसी वी आई पी को गार्ड ऑफ़ ऑनर देने के लिए गर्दन अकड़ाये खड़े हों।सामने सड़क पर इक्का दुक्का वाहन गुजर रहे हैं।
अपने और सूरज भाई के लिए चाय के लिए बोलकर सोचा भाई साहब से जरा गुडमार्निंग कर लिया जाए। दिखे नहीं कहीं आसमान में भाईजी। याद आया कि कल शाम खूब बारिश हुई थी। क्या पता सूरज के कपड़े भीग गये हों।क्या पता भीग जाने के चलते जुखाम हो गया हो भाई जी को। कुछ भी हो बताना तो चाहिए। फोन ही कर देते।
लेकिन छत पर गए तो देखा सूरज भाई आसमान में चमक रहे थे। कुछ ऐसा लगा जैसे किसी बाबू को आप गैरहाजिर समझो वो अचानक फाइलों डूबा काम करता दिखे।
पक्षी आपस में गुफ्तगू टाइप करते दिखे।हर पक्षी अलग अलग आवाज में अपने को अभिव्यक्त कर रहा था। एक पक्षी अचानक एक पेड़ से उड़ा और लहराता हुआ पेड़ की तरफ चल दिया। बीच में पंखों से उसने हवा नीचे दबाई। हवा ने भी उसे ऊपर को उछाल दिया।उसके उड़ने के अंदाज से लग रहा था कि अभी उड़ना सीख रहा है ।जैसे कोई बच्चा साइकिल चलाना सीखता है वैसे ही वह लहराता हुआ उड़ रहा था।लग रहा था अब टपका तब टपका।
पक्षी सामने के पेड़ पर पहुंच गया।वहां पहले से बैठे पक्षी ने "चोंच मिलाकर" उसका स्वागत किया।चोंच मिलाते हुए पक्षी एक दूसरे को चूमते हुए लगे।चूमते नहीं पुच्ची लेते हुए।बीबीसी की एक खबर याद आई जिसमें इस बात पर चरचा थी-"क्या चूमने से पहले पूछना चाहिए?" बीबीसी की खबर से बेखबर दोनों ने फिर एक दूसरे का "चोंच चुम्मा" लिया और थोड़ा सा उचककर दूसरी डाल पर बैठ गये।
सामने बच्चे झूला झूल रहे हैं।सड़क पर चहल-पहल बढ़ गयी। अचानक फिर बारिश होने लगी। सूरज भाई भीगने से बचने के लिए हमारे साथ बैठे चाय की चुस्की ले रहे हैं। हम उनको बिन मांगी सलाह दे रहे हैं-"एक ठो रेन कोट काहे नहीं ले लेते?"
सूरज भाई मुस्करा रहे हैं। सबेरा हो गया है।
- Reena Mukharji Wow gret
- महेंद्र मिश्र सुप्रभात .... सूरज जी सुबह सुबह कपडे सुखा रहे होंगें आज भी फरारी पर हैं या बादलों की कैद में हैं
- Krishn Adhar कालिदास के र्रितु संहार का आद्यतन संस्करण है आप का सूर्योद्भव पर्यावरणन।फाइलों मे डूवा लिपिक,यूक्लेप्टस का गार्ड आफ आॉनर इत्यादि अभिनव..।
- Kumkum Tripathi कपड़ा क्या,ईश्वर करें कि उनका बस्ता भी भीज जाए.......मारें हैं की आग बो दिए है....ई सूरज भाई।
- Neeraj Goswamy एक ठो रेन कोट काहे नहीं ले लेते ---अभी सूरज बबुआ के इत्ते अच्छे दिन नहीं आये कि छाता या रेनकोट खरीद लें ---वैसे आपका बबुआ से इत्ता याराना है तो आप काहे नहीं दिलवा देते ?
- Reena Mukharji Wow gret
- महेंद्र मिश्र सुप्रभात .... सूरज जी सुबह सुबह कपडे सुखा रहे होंगें आज भी फरारी पर हैं या बादलों की कैद में हैं
- Krishn Adhar कालिदास के र्रितु संहार का आद्यतन संस्करण है आप का सूर्योद्भव पर्यावरणन।फाइलों मे डूवा लिपिक,यूक्लेप्टस का गार्ड आफ आॉनर इत्यादि अभिनव..।
- Kumkum Tripathi कपड़ा क्या,ईश्वर करें कि उनका बस्ता भी भीज जाए.......मारें हैं की आग बो दिए है....ई सूरज भाई।
- Neeraj Goswamy एक ठो रेन कोट काहे नहीं ले लेते ---अभी सूरज बबुआ के इत्ते अच्छे दिन नहीं आये कि छाता या रेनकोट खरीद लें ---वैसे आपका बबुआ से इत्ता याराना है तो आप काहे नहीं दिलवा देते ?
No comments:
Post a Comment