मान लो आ ही गए तो कैसे निपटेंगे अच्छे दिन से यही सोचते भाई लोग
- महेंद्र मिश्र धू प में छइयाँ छइयाँ करेंगे .. जे पुलिया(खतरनाक) पे तरह तरह के लोग खड़े होते हैं और बैठते हैं जैसे कल एक दद्दा विचारमग्न होकर अकेले बैठे थे ... जे पुलिया आपको बहुत प्रिय लगती है लगातार इसी पुलिया के फोटो देखने मिल रहे हैं
- Reena Mukharji Achchhe din aayen na aayen jeevan vaise hi chalta rahega jaise chal rha hai
- Kumkum Tripathi ये सूरज भाई भी ना ठीक नहीं लगते,अपने तो निकल लिए ताप बरसाने के बहाने और फसा गए बेचारे अच्छे दिन को...
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