Tuesday, June 24, 2014

सर्वहारा पुलिया के पहले पुलिया



मेस से निकलते ही ये छोटी पुलिया। सर्वहारा पुलिया के पहले। जैसे दिल्ली के पहले गाजियाबाद। मुम्बई के पहले ठाणे। साईकिल उठा के चलते हुए गमछा लपेटे भाई जी बोले--"परेशान हो गए बिमारी में। सर घूमता रहता था। मुंह टेढ़ा हो गया।"

No comments:

Post a Comment