रिक्शे वाले भाई बीड़ी पी रहे थे। हमने पूछा -चलोगे? दो किलोमीटर से भी कम की दूरी वाली जगह का नाम सुनकर बोले -पता नहीं है कहाँ है। हम भी सोचे- गुड।पैदल मार्च का मौका मिला।
- नवीन राजहंस नजदीकी सवारी जल्दी उठाते नहीं है... चाहे दिनभर बैठे ही रह जाये.... सबको बड़े की आस रहती है.... और आपको तो मौका मिला है पैदल मार्च का तो इनको शुक्रिया तो कहना ही पड़ेगा....
- महेंद्र मिश्र आजकल रिक्शे वाले काफी कमाई करते हैं सो गर्राते हैं ... अच्छा हुआ कि आपने पैदल परेड कर ली
- Kajal Kumar हा हा हा कमेंट पढ़ने से पहले मै सोच ही रहा था कि ऐसे जवाब तो बस कानपुर के ही रिक्शेवाले देते ...
- अरुण अरोड़ा छोड आये हम .............. वो पुलिया , जहा कभी केलै जामुन के फोटो खिचा करते थे ............ सुबु सुबु साईकल पे लोग मिला करते थे ..............छोड आये हम वो पुलिया
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