कल पुलिया पर ये बच्चे मिले। नीली जींस वाला बच्चा इंटर में पढ़ता है। नगर निगम दफ्तर जा रहा था 'कम्बाइण्ड आई डी' बनवाने।आगे के सब काम इसी आई डी से होंगे। जींस साइकिल में फंस गयी तो साइकिल पटककर पुलिया पर सुस्ताने लगे दोनों। बोला-" डबल सवारी और हवा कम।थक गए।सोचा थोड़ा आराम कर लें।"
हमने औंधी पड़ी साइकिल को सीधे खड़ा करवाया। साइकिल ने पक्का धन्यवाद बोला होगा।
दूसरे बच्चे ने हाईस्कूल के बाद पढाई छोड़ दी। कुछ दिन कपड़े की दुकान में काम किया। अब दूसरा काम करता है।
चार बजने वाले थे। मैंने बच्चे से कहा-"नगर निगम दफ्तर जाना है तो जाओ जल्दी वरना बंद हो जाएगा पांच बजे।"
सलाह उछालकर अपन दफ्तर चले आये। बच्चे भी चले ही गये होंगे।
- Roli Awasthi, Kiran Dixit, Samir Kumar Singh और 41 अन्य को यह पसंद है.
- Krishn Adhar इस पुलिया पर कम से कम वच्चे वैठना छोड़ देंगे क्यों कि आपस में कहें गें,देखते रहना कहीं वो अंकल(वड़े भाइयों को भी..)न आ जायें अभी झूठ वोलना पड़ेगा,दूसरा,अरे वोल देना,पहला नही यार निकल लेते हैं,वे इतने प्यार से वोलते है किझूठ वोला नहीं जाता...और दोनों चल देते....।