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हमारे युवा रोल माडल
By फ़ुरसतिया on February 26, 2012
आज सुबह अखबार पढ़ते हुये दैनिक भाष्कर(जबलपुर संस्करण) के पेज 12 पर यह खबर पढ़ी! खबर का शीर्षक था- सामूहिक दुष्कर्म की शिकार शिकार लड़की से की शादी खबर इस प्रकार थी:
शिवपुरी के मनपुरा में डकैतों ने रविवार को लोध समाज की जिस लड़की से डाकुओं ने सामूहिक दुष्कर्म किया था मंगलवार को उसकी शादी हुई। दूल्हे अच्छेलाल ने अपने परिजनों से कहा कि मेरी मंगेतर पूरी तरह से निर्दोष है । इस हादसे में उसकी की क्या गलती,जो उसे सजा दी जाए। उससे शादी न करना पाप होगा। और मैं पाप कर्म नहीं करूंगा। उसके परिवार वालों ने भी उसकी बात मानी और उसके निर्णय की सराहना की।
चंबल-ग्वालियर इलाके के दौरे से लौटे सामाजिक कार्यकर्ता सचिन जैन ने बताया कि शादी मंगलवार को होनी थी। उससे दो दिन पहले रविवार को डकैतों ने दुल्हन और उसकी बहन से दुष्कर्म किया। जब इसकी खबर दूल्हे अच्छेलाल को हुई तो उसने तय कार्यक्रम के मुताबिक ही शादी करने का फैसला किया अच्छेलाल ग्यारहवीं तक पढ़ा है और खेती करता है। उसने कहा, ‘बलात्कार के लिए लड़की तो जिम्मेदार नहीं है। अब मेरा फर्ज था कि शादी करके न्याय के लिए मिलकर संघर्ष करें।’
खबर पढ़कर लगा अच्छेलाल कितना सहज-समझदार लड़का है। ग्याहरवीं पास लड़के की समझ एकदम साफ़ है कि लड़की से दुष्कर्म हुआ तो उसमें लड़की का कोई दोष नहीं है। उसने अपने मंगेतर से शादी आगे न्याय के लिये संघर्ष को अपना फ़र्ज माना और लड़की से शादी की।
आसपास होता तो जरूर अच्छेलाल और उसकी पत्नी से मिलने जाते। उसका फ़ोटो खींचते , सबको दिखाते!
ऐसे लड़के हमारे समाज के रोल माडल बन सकते हैं मीडिया को इनका खूब प्रचार-प्रसार करना चाहिये।
लेकिन मीडिया को सैफ़ अली से हुई मारपीट के किस्से दिखाने से ही फ़ुर्सत नहीं मिल पाती। एक साधारण अभिनेता द्वारा की गयी बदतमीजी को मीडिया इत्ता भाव देता है यह उसकी मानसिक समझ का आईना है।
ऐसे ही कुछ दिन पहले एक किस्सा कानपुर के पास कन्नौज जिले एक गांव में हुआ था। एक लड़की की शादी तय हो गयी थी। लड़की के पिता दहेज के लिये पैसा नहीं जुटा पा रहे थे। तीन साल शादी तय हुये हो गये थे। लड़की के पिता की फ़सल लगातार खराब जा रही थी। पैसे का जुगाड़ न हो पाया। आखिर में उन्होंने जमीन बेचकर लड़की की शादी की योजना बनायी। खेत का सौदा कर लिया और खेत बेचने की कार्रवाई शुरु कर दी।
इस बीच लड़की की अपने मंगेतर से फोन पर बातचीत होने लगी थी। दोनों के गांव आसपास ही थे। उसने एक दिन मोबाइल पर अपने मंगेतर को जानकारी दी कि पिताजी शादी के लिये खेत बेचने वाले हैं। लड़के ने जैसे ही सुना वैसे ही अपनी मोटरसाइकिल से लड़की के घर पहुंचा। उसको अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर अपने घर चाचा के घर लाया। उसी दिन चाचा के घर मंडप गड़ा और दोनों के फ़ेरे हो गये। लड़की के पिता के खेत बिकने से बच गये।
इतिहास में हम संयोगिता स्वयंवर की कहानी पढ़ते हैं। संयोगिता को पृथ्वीराज अपने घोड़े पर बिठा के ले आये थे। आज के हमारे युवा पृथ्वीराज मोटरसाइकिल पर अपनी मंगेतर को ले आये।
आज के जमाने में हर तरफ़ दहेज हत्या और महिलाओं पर संदेह के चलते उनकी हत्याओं के किस्से आम हो गये हैं ऐसे समय में समाज इन युवाओं के व्यवहार बताते हैं समाज में अच्छी समझ वाले लोग भी हैं।
ये युवा ही हमारे समाज के रोल माडल हो सकते हैं।
शिवपुरी के मनपुरा में डकैतों ने रविवार को लोध समाज की जिस लड़की से डाकुओं ने सामूहिक दुष्कर्म किया था मंगलवार को उसकी शादी हुई। दूल्हे अच्छेलाल ने अपने परिजनों से कहा कि मेरी मंगेतर पूरी तरह से निर्दोष है । इस हादसे में उसकी की क्या गलती,जो उसे सजा दी जाए। उससे शादी न करना पाप होगा। और मैं पाप कर्म नहीं करूंगा। उसके परिवार वालों ने भी उसकी बात मानी और उसके निर्णय की सराहना की।
चंबल-ग्वालियर इलाके के दौरे से लौटे सामाजिक कार्यकर्ता सचिन जैन ने बताया कि शादी मंगलवार को होनी थी। उससे दो दिन पहले रविवार को डकैतों ने दुल्हन और उसकी बहन से दुष्कर्म किया। जब इसकी खबर दूल्हे अच्छेलाल को हुई तो उसने तय कार्यक्रम के मुताबिक ही शादी करने का फैसला किया अच्छेलाल ग्यारहवीं तक पढ़ा है और खेती करता है। उसने कहा, ‘बलात्कार के लिए लड़की तो जिम्मेदार नहीं है। अब मेरा फर्ज था कि शादी करके न्याय के लिए मिलकर संघर्ष करें।’
खबर पढ़कर लगा अच्छेलाल कितना सहज-समझदार लड़का है। ग्याहरवीं पास लड़के की समझ एकदम साफ़ है कि लड़की से दुष्कर्म हुआ तो उसमें लड़की का कोई दोष नहीं है। उसने अपने मंगेतर से शादी आगे न्याय के लिये संघर्ष को अपना फ़र्ज माना और लड़की से शादी की।
आसपास होता तो जरूर अच्छेलाल और उसकी पत्नी से मिलने जाते। उसका फ़ोटो खींचते , सबको दिखाते!
ऐसे लड़के हमारे समाज के रोल माडल बन सकते हैं मीडिया को इनका खूब प्रचार-प्रसार करना चाहिये।
लेकिन मीडिया को सैफ़ अली से हुई मारपीट के किस्से दिखाने से ही फ़ुर्सत नहीं मिल पाती। एक साधारण अभिनेता द्वारा की गयी बदतमीजी को मीडिया इत्ता भाव देता है यह उसकी मानसिक समझ का आईना है।
ऐसे ही कुछ दिन पहले एक किस्सा कानपुर के पास कन्नौज जिले एक गांव में हुआ था। एक लड़की की शादी तय हो गयी थी। लड़की के पिता दहेज के लिये पैसा नहीं जुटा पा रहे थे। तीन साल शादी तय हुये हो गये थे। लड़की के पिता की फ़सल लगातार खराब जा रही थी। पैसे का जुगाड़ न हो पाया। आखिर में उन्होंने जमीन बेचकर लड़की की शादी की योजना बनायी। खेत का सौदा कर लिया और खेत बेचने की कार्रवाई शुरु कर दी।
इस बीच लड़की की अपने मंगेतर से फोन पर बातचीत होने लगी थी। दोनों के गांव आसपास ही थे। उसने एक दिन मोबाइल पर अपने मंगेतर को जानकारी दी कि पिताजी शादी के लिये खेत बेचने वाले हैं। लड़के ने जैसे ही सुना वैसे ही अपनी मोटरसाइकिल से लड़की के घर पहुंचा। उसको अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर अपने घर चाचा के घर लाया। उसी दिन चाचा के घर मंडप गड़ा और दोनों के फ़ेरे हो गये। लड़की के पिता के खेत बिकने से बच गये।
इतिहास में हम संयोगिता स्वयंवर की कहानी पढ़ते हैं। संयोगिता को पृथ्वीराज अपने घोड़े पर बिठा के ले आये थे। आज के हमारे युवा पृथ्वीराज मोटरसाइकिल पर अपनी मंगेतर को ले आये।
आज के जमाने में हर तरफ़ दहेज हत्या और महिलाओं पर संदेह के चलते उनकी हत्याओं के किस्से आम हो गये हैं ऐसे समय में समाज इन युवाओं के व्यवहार बताते हैं समाज में अच्छी समझ वाले लोग भी हैं।
ये युवा ही हमारे समाज के रोल माडल हो सकते हैं।
Posted in बस यूं ही | 48 Responses
प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..परीक्षा
ePandit की हालिया प्रविष्टी..बीऍसऍनऍल लाया तीन सस्ते टैबलेट, कीमत ₹ ३,२५० से शुरु
vijay gaur की हालिया प्रविष्टी..सहमति और असहमति जताती दृढ़तायें
सही कहते हैं आप ऐसे ही लोग रोल मॉडल होने चाहिए|
sanjay की हालिया प्रविष्टी..जाग जाग, रुक रुक…….
ऐसे लोग सच में रोल-मोडल हो सकते हैं!!
abhi की हालिया प्रविष्टी..वो लड़की जो खुश रहना जानती थी
ऐसी ख़बरें ज्यादा से ज्यादा लोगों के समक्ष आनी चाहियें…
इस समाचार की ओर ध्यान दिलाया, आपका आभार.
राहुल सिंह की हालिया प्रविष्टी..कैसा हिन्दू… कैसी लक्ष्मी!
महिला के साथ रेप की खबर को मीडिया जितना दिखाता हैं अगर ये सब दिखाये तो शायद सही में बदलाव आये . पोस्ट का लिंक नारी ब्लॉग पर प्रसारित कर दिया हैं . खबर जितनो तक पहुचे उतना अच्छा
हम किये जायेंगे चुप-चाप तुम्हारी पूजा,
कोई फल दे कि न दे हमको, हमारी पूजा!
आपके मूड से अलग प्रस्तुति!!
सलिल वर्मा की हालिया प्रविष्टी..वह आता…
अपन का असल मूड शायद यही है।
arvind mishra की हालिया प्रविष्टी..हे मानस के राजहंस क्या भूल गए तुम आने को?(1)
” भूत का फ़ोन ??” आया होता तो जरूर दिखाते ….
शाबाश अच्छेलाल “यथा नाम तथा गुण ”
आशीष श्रीवास्तव
ऐसे नौजवानों को तो वीरता पुरस्कार मिलना चाहिए आजकल.
Shikha Varshney की हालिया प्रविष्टी..गुनगुना पानी…
वाणी गीत की हालिया प्रविष्टी..हमारा जमाना , तुम्हारा जमाना ..
amit srivastaava की हालिया प्रविष्टी.." खुश करती खुशबू ……"
काश ,मुख्यधारा का तथाकथित मीडिया ऐसी ख़बरों से भी सरोकार रखे !
अच्छे लाल जैसे युवा का मकसद प्रचार पाना नहीं है जैसा आजकल हमारे नेता और ‘सेलेब्रिटी’ करते हैं !
संतोष त्रिवेदी की हालिया प्रविष्टी..किताब जो बोलती है !
Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..सब्जियां निकलने लगी हैं कछार में