1.संवेदना तो उनके हृदय में कूट-कूटकर भरी थी, जैसे उनके फ्रिज में शराब और बीयर की बोतलें भरीं थीँ।
2.हमारे देश की हुकूमत गधे की तर्ज पर काम करती है। जब तक समस्या विकराल रूप न धारण कर ले तब तक उसके समाधान के लिए हमारे देश की सरकार लात नहीं उठाती।
3. कविता लिखने के लिए प्रेरणा की आवश्यकता होती है इसलिए आरती से इश्क करना उसकी मजबूरी थी।
4. चुनाव प्रचार उस ऊंचाई पर जा पहुंचा था जिस ऊंचाई पर पहुंचकर अक्सर प्रेमी-प्रेमिका या तो विवाह कर लेते हैं या फिर साथ-साथ आत्महत्या।
5. इस देश में आजादी के बाद जितने भी नेता गरीबों के मसीहा सिद्ध हुए , वे अपने पेशे में असफल होने के कारण ही हुए हैं।
6. नगर पालिका में घोटाला नहीं तो नगरपालिका कैसी।
7. भारतीय लोकतंत्र की विशेषता है कि किंगमेकर को भी किंग जैसा सम्मान मिल जाता है।
8. बिना उद्घाटन के राजनीति अधूरी है और बिना राजनीति के उद्घाटन दुर्लभ घटना है।
9. इस देश की राजभाषा जो है , वह पुलिस के डंडे से निकलती है। डंडे की भाषा उत्तर में भी समझी जाती , दक्षिण में भी। पूरब में भी और पश्चिम में भी। इसदेश में पुलिस न होती तो हम कैसे साबित करते , कि देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक है।
10. जो पत्रकार पत्रकारिता में धुरन्धर हो जाता है, वह अपने से कनिष्ठ पत्रकारों को घास नहीं डालता।
11. राज्य सभा को संसद का पिछवाड़ा कहते हैं।
अरविन्द तिवारी के उपन्यास 'शेष अगले अंक में' से
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