Wednesday, April 20, 2022

गुडमार्निंग-सुप्रभात



सबेरे-सबेरे मोबाइल खोलते ही कई गुडमार्निंग संदेशे दिखते हैं। कई बार तो भड़भड़ाकर एक के बाद एक के ऊपर एक ऐसे गिरते हैं जैसे मुम्बई की लोकल से यात्री उतरते होंगे। वो तो कहो अलग-अलग खाते से आते हैं, वरना क्या पता एक के ऊपर गिरने से हाथ-पैर टूट जाये संदेशों के। अंग-भंग हो जाएं। सन्देश दिव्यांग हो जाएं।
कई तो ऐसे दोस्तों के सन्देश अगल-बगल , ऊपर-नीचे दिखते हैं जिनका आपस में अबोला है। अनबन है। कोई वजह नहीं लड़ाई की लेकिन आदतन लड़ाका हैं लिहाजा एक-दूसरे को फूटी क्या पूरी तरह ठीक आंखों से भी नहीं देखना चाहते। उनको पता चल जाए कि हमारे मोबाइल में उनके गुडमार्निंग मेसेज सटे-सटे रहते हैं तो वे 'मेसेज मिसाइल'से हमारा मोबाइल उड़ा दें। इस मामले में पूरे अमेरिका मूड के हैं वे- 'जो हमारे दुश्मन का दोस्त वो हमारा दुश्मन है।' एक दुश्मन के साथ एक दुश्मन फ्री। बाजारवाद पर आधारित है यह राष्ट्रवाद।
बात गुडमार्निंग की कर रहे थे।पहले सुबहें ऐसे ही हो जातीं थी। बिना गुडमार्निंग मेसेज के। पिछले कुछ सालों से सुबह बिना गुडमार्निंग मेसेज के होना बंद हो गया है। सुबह के जरूरी कामों में शुमार हो गया है , गुडमार्निंग मेसेज भेजना।
किसी से पूछो सुबह क्या हो रहा है? जबाब मिलेगा -'कुछ नहीं गुडमार्निंग मेसेज भेज रहे हैं।' मतलब सुबह के संदेश नहीं भेजेंगे तो बहुत कुछ छूट जाएगा।
अगर मोबाइल और नेट से गुडमार्निंग मेसेज की सुविधा खत्म हो जाये तो अनगिनत लोग दुखी हो जाएं। उनको समझ ही नहीं आएगा कि वे करें क्या?
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शुभकामना संदेश के चलते इंटरनेट ट्रैफिक जाम हो जाता है। अरबों बाइट इधर-उधर होते हैं शुभकामना संदेशों के। नए-नए मोबाइल हासिल करने वाले तो पूरी श्रद्धा से इस 'शुभकामना यज्ञ' में आहुति देते हैं।
मोबाइल और नेट ने दुनिया के बड़ी आबादी वाले देशों को निठल्ला बना दिया है। जिसे देखो वही 'मेसेज कुली' बना हुआ है। शुभकामनाएं इधर-उधर कर रहा है। व्हाट्सअप मेसेज से दिमाग खराब कर रहा है। मुझे तो लगता है मोबाइल और नेट बड़ी आबादी वाले , विकासशील देशों के खिलाफ साजिश है विकसित देशों की। यहाँ हम लोग मोबाइल में डूबे रहते हैं, वहां वे फुर्ती से आगे बढ़ जाते हैं।
हमको लगता है कि अगर आज के आज मोबाइल अपने देश में बंद हो जाये तो दफ्तरों और काम वाली जगहों में कम से कम 25% ज्यादा काम होने लगे। लड़ाई-झगड़े में कुछ कमी आ जाये। मोबाइल और नेट अफवाह के सबसे तेज कूरियर एजेंट हैं। पलक झपकते एक की घृणा हजार लोगों तक डिलीवर कर देते हैं बिना किसी खर्चे के।
बात सुबह के संदेशे की हो रही थी। हम भी कहां पहुंच गए। सुबह के सन्देश के बहाने ऐसे-ऐसे खूबसूरत संदेशे आते हैं कि मन खुश हो जाता है। इतना उत्साह कि लगता है कि बस दुनिया उलट-पलट कर दें अपने काम-काज से। लेकिन जब तक शुरू करें , तब तक अगला मेसेज पढ़ने लगते हैं, दुनिया जस की तस रह जाती है।
सुबह-सुबह हम भी कहां की कहानी सुनाने लगे। आपको उलझा लिया। आपको तमाम गुडमार्निंग भेजने होंगे। जो आये होंगे, उनके जबाब देने होंगे। कर लीजिए लेन-देन। हम तो कर चुके जो करना था। कुछ और था नहीं करने को यहां आ गए। चलें अभी-अभी एक और गुडमार्निंग मेसेज आया है, उसका जबाब लिखना है।

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