Friday, July 18, 2014

पुलिया पर छुटकू




आज पुलिया पर ये बच्चे मिले। छुटकू के हाथ में पालीथीन में भुने हुए भुट्टे थे। अपनी दादी के साथ घर जाने के लिए पुलिया पर सवारी का इन्तजार कर रहे थे। दादी पिछले साल फैक्ट्री से 24 साल की नौकरी पूरी करके सेवानिवृत्त हुई।
पसंदपसंद · · सूचनाएँ बंद करें · साझा करें · संपादित करें · प्रचार करें ·

Thursday, July 17, 2014

पुलिया पर देश के नौनिहाल



आज सर्वहारा पुलिया पर ये नौनिहाल मिले। राकेश कक्षा 8 में पढ़ते हैं और रश्मि कक्षा 6 । एक ही स्कूल में पढ़ने वाले दोनों बच्चे एक ही बस्ती में रहते हैं।आज स्कूल जाने में देरी हो गयी तो स्कूल से भगा दिए गए। घर जा नहीं रहे इस डर से कि वहां डांट पड़ेगी। मैंने समझाया -"घर जाओ बेटा। बता देना।"

बच्ची पेड़ की पत्ती मोड़-तोड़ रही थी। बच्चा सोच रहा था कुछ। एक ही स्कूल में पढने वाले ,एक ही मोहल्ले में रहने वाले, एक ही सजा पाए बच्चे एक ही पुलिया पर चुप बैठे थे। आपस में बात भी नहीं कर रहे थे।

दफ्तर आने में देरी हो रही थी। मैं चला आया उनको समझाकर ।बच्चे पता नहीं घर गए कि वहीं बैठे होंगे।