एक दिन हम कहीं फोन मिलाये तो वो कहीं और दूसरी जगह मिल गया। फोन पर जो बातचीत सुनाई दिया ऊ हमको अब्भी याद आ गया। सुनिये अरे मतलब पढ़िए आप भी:
आवाज 1: ये सुनो ।
आवाज 2: सुनाओ न। सुन त रहे हैं।
आवाज 1: एक बात बताएं। बुरा तो नहीं मानोगी।
आवाज 2: बताओ न। ई तुम नाटक करना कब से सीख गए। दो दिन हो गए तुमसे बात होते। फिर भी फार्मेल्टी कर रहे।
आवाज1 : वो क्या है न। जब तुमसे बात नहीँ होता न। मुलाक़ात नहीं होता न तब हम तुमको बहुत 'मिस' करते हैं।
आवाज 2:अरे!!!!! तुमको पता है तुम का कह रहे हो? कुछ मतलब पता है 'मिस' करने का। हम तो तुमको अच्छा लड़का समझते थे। तुम तो पूरा सोशल मिडिया वाला लड़का निकले। बात करते दो दिन हुए नहीं कि मिस करने लगे।
आवाज 1: हमको कुछ पता नहीं इस बारे में। हमरा सब दोस्त बताया कि अगर दोस्ती पक्की करनी है तो मिस करना जरूरी होता है। हम सोचे दोस्त लोग सही ही कहता होगा। तो हम सुबह ही सुबह तुमको 'मिस' कर दिए। अब तुमको खराब लगा तो बता दो नहीं 'मिस' करेंगे।
आवाज 2: नहीं 'मिस' करोगे। पकड़ के पीट देंगे।मुंह पूरा तुम्हारा नया वाला 'डिजिटल इण्डिया प्रोफाइल' की तरह रंगीन हो जाएगा। बड़ा आया नहीं 'मिस' करने वाला। न 'मिस' करके देखो एक दिन फिर बताते हैं तुमको।
आवाज 1: फिर तुम गुस्सा क्यों हो रही थी हमारे 'मिस' करने की बात पर।
आवाज 2: तुमको कुच्छ नै पता यार। हम कोई मना थोड़ी किये 'मिस' करने को। पर 'मिस' करने के पहले एक बार पूछना तो चाहिए था न।हम कोई मना थोड़ी कर देते।
आवाज 1: तो 'मिस' क्या पूछ के किया जाता है? बिना पूछे नहीं कर सकते 'मिस'।
आवाज 2: पहले कर सकते थे। पर जबसे 'गैंग ऑफ़ वासेपुर' आई न तबसे सब गड़बड़ हो गया। सब काम हीरोइन से पूछकर किया जाता है अब। उसमें देखा नहीं हिरोइन कैसे डांटती है हीरो को बिना पूछे हाथ पर हाथ रखने को।
आवाज 1: अरे हाथ पकड़ना और बात। 'मिस' करना और। हाथ वाला नियम यहां थोड़ी नहीं लगेगा।
आवाज 2: काहे नहीं लगेगा। जब और कोई नियम नहीँ है तो जो है उसी को खींच के लागू किया जाएगा।
आवाज 1: मतलब तुम अपने को हीरोइन समझती हो?
आवाज 2: तब क्या। हीरोइन त हइये हैं।हर लड़की अपने में हीरोइन होती है। उसके लिए लड़का लोग एक्स्ट्रा आर्टिस्ट होता है। उनमें से छाँट के वो किसी को हीरो का रोल देती है। पहले टेम्पोरेरी फिर जमा तो परमानेंट। बताओ, हम हीरोइन नहीं होते तो तुम बिना पूछे 'मिस' करते। अब तो यहां तो हाल ई है कि लोग नमस्ते बाद में करते हैं 'मिस' पहले करते हैं। इसीलिये हमको बिना पूछे 'मिस' करने वाला लड़का लोग डिफॉल्टर टाइप लगता है।
आवाज 1: अच्छा ई बताओ तुम भी हमको 'मिस' करती हो। हमको नहीं तो किसी को करती हो?
आवाज 2: तुम सच्ची में एकदम पग्गल हो। तुमको ई तक नहीँ पता कि ..................
बात करते-करते लाइन कट गयी। दुबारा मिलाई तो पत्नी से बात हुई। मन किया कि कह दें -बहुत मिस करते हैं। पर फिर फोनवार्ता याद आ गई। सोचा 'मिस' करने के पहले पूछ लें। आखिर वो हीरोइन है हमारी। कोई मना थोड़ी करेगीं। है कि नहीं?
तब तक आप भी किसी को 'मिस' कर लीजिये। पर पूछकर करियेगा। फिर न कहना बताया नहीं।
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