हाल नम्बर 12, शॉप नम्बर 375 , रीड पब्लिकेशन |
जाड़े में खाली रेलें ही नहीं बल्कि किताबें भी देरी से पहुंच रहीं हैं। गनीमत यही कि किताबें पहुंच रहीं हैं , निरस्त नहीं हो रहीं।
आज दिल्ली पुस्तक मेले में हम लोगों की किताबें पहुंची।
1. सेल्फी बसन्त के साथ - कमलेश पांडेय -Kamlesh Pandey
2. सूरज की मिस्ड कॉल- अनूप शुक्ल
3. झाड़े रहो कलट्टरगंज- अनूप शुक्ल
2. सूरज की मिस्ड कॉल- अनूप शुक्ल
3. झाड़े रहो कलट्टरगंज- अनूप शुक्ल
इनके साथ ही व्यंग्य के पहलवान Alok Puranik की सबसे नई किताब 'जूते की ईएमआई' भी गई थी प्रेस में। वह भी शायद कल तक पहुंचेगी पुस्तक मेले में।
किताबें रीड पब्लिकेशन, हॉल नम्बर 12, शॉप नम्बर 375 में उपलब्ध हैं। किताब पहुंचने की सूचना हमको Arvind Tiwari जी से मिली। उन्होंने ही इसका विमोचन भी कर दिया। विमोचन की फ़ोटो भी दिखाएंगे जल्दी ही। इसके फौरन बाद Abhishek Awasthi भी पहुंचे घटनास्थल पर। उन्होंने भी किताब का विमोचन किया। वह फोटो भी अलग से।
अब जो साथी पुस्तक मेले पहुंचे वे किताब रीड पब्लिकेशन से पाएं। मेले के मौके की उचित छूट भी पाएं। हमारा पहला व्यंग्य सँग्रह 'बेवकूफी का सौंदर्य' भी उपलब्ध है 'रीड पब्लिकेशन्स' पर।
जो पुस्तक मेले पहुंचने से चूक जाएं वे किताब ऑनलाइन रुझान पब्लिकेशन से मंगाएं।
Rujhaan Publications Kush Vaishnav
Rujhaan Publications Kush Vaishnav
एक साथ छपी किताबें तीन सहेलियों सी पुस्तक मेले में |
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