Tuesday, August 12, 2008

भारत एक मीटिंग प्रधान देश है

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11 responses to “भारत एक मीटिंग प्रधान देश है”

  1. अरूण
    आपकी पोस्ट पढकर लगा की आप लिख नही रहे हो , बल्की पाठको की मिटिंग ले रहे हो. रबर की तरह लंबी खिच रही मिटिंग ,सही मे आधी पोस्ट पधकर ही ढेरो मिटिंगो का मजा गया. नीरस उबाऊ जान बचाऊ दुसरो को फ़साऊ. बास पटाऊ मिटिंगो का :)
  2. अनिल एकलव्य
    बढ़िया है। खास तौर से शीर्षक।
  3. anitakumar
    ऑफ़िस ही क्युं ये ब्लोगजागत भी एक मीटिंग प्रधान जगत है,सिर्फ़ चाय कॉफ़ी अपनी अपनी ले कर बैठना पड़ता है। ये खेलबकड़ी क्या है इस पर जरा एक मीटिंग ले कर आते है।
    सजीव चित्रण, हर दफ़तर की यही कहानी…:)
  4. राम शर्मा
    फुरसतिया जी, सादर नमस्कार
    भारत की व्यवस्था के उपर आपका व्यंग्य फुरसत से बाद में पढूंगा । फिलहाल मैं अपने काम की सीटिंग मे हूं. आप के साथ मिटिंग मे नही । फिर भी सरसरी निगाह से देखने पर आया कि आपका लेख लोगो तक पहुंचे व उनको झकझोरेने वाला है । मै इसे अपनी पत्रिका कृषि वार्ता मे प्रकाशित करने का विचार कर रहां हूं ।
    आपका कहना सर्वथा सत्य है कि भिलहाल भारत एक कृषि नहीं अपितु मीटिंग प्रधान देश रह गया है । चाय-पान के ठेलों मे मीटिंग (बगैर सिर-पैर व परिणाम वाला बहस), कर्मचारियों की मीटिंग, अधिकारियों की मीटिंग, राजनेताओं की मीटिंग और तो और संसद मे समस्या सुलझाने के नाम पर गये सांसदो की लेन-देन की मिटिंग …
    खैर छोड़ो, मै इस मिटिंग पर और सीटिंग नही कर सकता । बांकी फिर कभी … आपका – जल्दी में … राम शर्मा
  5. समीर लाल 'उड़न तश्तरी वाले'
    जब पहले पढ़ा था, आनन्द आया था. आज पढ़ा, आनन्द आया. इस कविता को तो मैने पसंद करके डायरी में नोट कर लिया था, आपको बता भी दिया था-हद है, आज भी आपकी ही है. :)
  6. डा.अमर कुमार
    .
    ※ “… ठेल दिया जाये ? क्या हर्ज है ? कुछ है क्या ? ” ※
    क्या अदा है… अरे जब ठेल ही दिया, तो पूछ काहे रहे हो, भाई ?
    अपने को समझा रहे हो कि पाठकों को समझ रहे हो ?
    पाठक तो मुरीद हैं ही , आपके….सो,
    पढ़बे करेंगे, इसमें पूछना क्या ?
    रिवीज़न भी तो ज़रूरी है ..
    हमने भी कल्लिया !
  7. Rachana
    ..और sitting, eating, cheating, beating प्रधान देश भी!!!!
    कविता बहुत बेहतर है लेकिन वो लेख के content से जरा बहुत मेल खाती हो तो ठीक है वरना अपनी पसँद को न ठेलें :)
  8. Abhishek Ojha
    “भारत एक कृषिप्रधान देश है जहां मीटिंगों की खेती होती है”
    और यहाँ कुछ भूमिहीन किसान भी रहते हैं. :-)
  9. : फ़ुरसतिया-पुराने लेखhttp//hindini.com/fursatiya/archives/176
    [...] भारत एक मीटिंग प्रधान देश है [...]
  10. neeraj tripathi
    बहुत सही रही ये पोस्ट ॥ कविता बहुत अच्छी लगी और भारत एक मीटिंग प्रधान देश है इस सत्य को और करीब से जानने को मिला ॥:)
    neeraj tripathi की हालिया प्रविष्टी..परीक्षाभवन
  11. चंद्र मौलेश्वर
    हमारा मत तो पांच साल में एक बार ही काम आता है जब नेता इस मीटिंग प्रधान देश में मीटिंग करते हैं और हम उनके इस मीटिंग में निश्चय करते हैं इन्हें मत मत देना:)
    चंद्र मौलेश्वर की हालिया प्रविष्टी..भ्रष्टाचार और साहित्य

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