आज ये बहन जी सर्वहारा पुलिया के पास लकड़ी,पालीथिन,बोतल,शीशी बटोर कर बोरे में भरती दिखीं। आसपास के इलाके से कूड़े में से काम का सामान बीनकर इकट्ठा करते हुये पुलिया के पास अपना 'सफाई अभियान' चला रहीं थीं।पुलिया पर रखे बोरे में प्लास्टिक और कांच की बोतलें थीं। कुछ 'अद्धे' , 'पौवे' वाली खाली बोतलें और शीशियाँ थीं। ये सब बेचकर 100-50 रूपये रोज कमा लेती हैं।
कूड़े से कमाई का अलग अर्थशास्त्र है। सुना है कि ए 'टु जेड' कम्पनी का 800 करोड़ रूपये का कारोबार है-'सालिड वेस्ट मैनेजमेंट' का।सुना तो यह भी है कि कानपुर में 'ए टु जेड' का ठेका निरस्त होने वाला है। सुनने को सुना तो यह भी है कि 'मैनेजमेंट गूरू' अरिंदम चौधरी की 'मैनेजमेंट पाठशाला' की मान्यता निरस्त हो गयी।
खैर छोडिये मैनेंजमेंट को। हमारी समाझ में तो सब मैनेजमेंट एक जैसे ही होते हैं। फिर चाहे वो कूड़े का मैनेजमेंट हो या मीडिया का। ठीक से मैंनेज न हो तो गन्ध मारने लगते हैं।
- आप, Er K S Gupta, Gaurav Srivastava, Rajesh Agarwal और 32 और को यह पसंद है.
- Nirupma Pandey सब मैनेजमेंट एक जैसे ही होते हैं। फिर चाहे वो कूड़े का मैनेजमेंट हो या मीडिया का। ठीक से मैंनेज न हो तो गन्ध मारने लगते हैं gud line
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