Saturday, September 06, 2014

सुकून मिलता है पुलिया बैठने से

 
 
 
 
 
 
 
 
कल राजेश मिले सर्वहारा पुलिया पर। सर झुकाये बैठे थे। बात की तो बताया कि आराम के लिये बैठे हैं। सुकून मिलता है यहां बैठने से। लेकिन पास की हनुमान मंदिर के पास वाली पुलिया पर ज्यादा सुकून मिलता है। आज यहीं बैठ गये।

राजेश कपड़े का काम करते हैं। आर्डर पर कपड़े सिलवाते हैं। 18-20 दर्जी काम करते हैं साथ में। ग्रेजुएट हैं।
 
बात करते-करते अचानक स्कूटी स्टार्ट करके चल दिये राजेश। शायद हनुमान मंदिर के पास वाली पुलिया पर। सुकून में खलल पड़ा शायद। 
 

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