कल राजेश मिले सर्वहारा पुलिया पर। सर झुकाये बैठे थे। बात की तो बताया कि आराम के लिये बैठे हैं। सुकून मिलता है यहां बैठने से। लेकिन पास की हनुमान मंदिर के पास वाली पुलिया पर ज्यादा सुकून मिलता है। आज यहीं बैठ गये।
राजेश कपड़े का काम करते हैं। आर्डर पर कपड़े सिलवाते हैं। 18-20 दर्जी काम करते हैं साथ में। ग्रेजुएट हैं।
बात करते-करते अचानक स्कूटी स्टार्ट करके चल दिये राजेश। शायद हनुमान मंदिर के पास वाली पुलिया पर। सुकून में खलल पड़ा शायद।
- Sunil Chaturvedi, Sarla Sharma, आदेश शुक्ल और 27 अन्य को यह पसंद है.
- Kiran Dixit Puri tareh se likh nahin paye the .Dukhad hai, jis pulliya ko hum log dekhker khush ho jate hain ,us per baithker bhi gupta ji ko sukoon nahi mila.
- अरुण अरोड़ा सुहब भाई कोई बन्दा पुलिया पर बैठा हो और आप हर दो मिनट में उसकी फोटो खीचने लगे ... तो या तो भाग जाएगा ...या आपका मोबाइल छीन कर नाले में फेकेगा .....अब ये वाला पुलिया खाली कर भाग गया वरना दो दिन पहले तो एक भाई ने बड़े भाई जी का मोबाइल नाले में ही फेक दिया था ....... और बड़े भाई है की पुलिया बिना रजिस्ट्री के कब्जाने में लगे है ...
- Mohammed Shuaib फिर भी अनुपजी की तारीफ करनी है कि इस पुलिये पर जो भी समय बिताने आए वे उनकी खबर देते रहे
- अनूप शुक्ल पुलिया पर अनगिनत लोग बैठते हैं। हम तो केवल उधर से आते-जाते जब कोई बैठा मिल जाता है तो उसके हाल समाचार बता देते हैं। Mohammed Shuaib
- Kiran Dixit Hamari jan itne kamjor thoro n hai. Dekh nahi rahe ho itney utar charhav ke bad bhi sahi salamat hai.Sabhi bemariyon ko ye gher pasand aa jata hai , to hum kya ker sakte hain.
- Alok Puranik साहब पुलिया का प्रमोशन हो रहा है, पहले साइकिल और रेहड़ी रुकती थीं, अब स्कूटर रुक रहे हैं, अच्छे दिन आ गये।
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