फ़ुरसतिया
हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै
लेबल
अमेरिका यात्रा
(75)
अम्मा
(11)
आलोक पुराणिक
(13)
इंकब्लॉगिंग
(2)
कट्टा कानपुरी
(119)
कविता
(65)
कश्मीर
(40)
कानपुर
(305)
गुड मार्निंग
(44)
जबलपुर
(6)
जिज्ञासु यायावर
(17)
नेपाल
(8)
पंचबैंक
(179)
परसाई
(2)
परसाई जी
(129)
पाडकास्टिंग
(3)
पुलिया
(175)
पुस्तक समीक्षा
(4)
बस यूं ही
(276)
बातचीत
(27)
रोजनामचा
(896)
लेख
(36)
लेहलद्दाख़
(12)
वीडियो
(7)
व्यंग्य की जुगलबंदी
(35)
शरद जोशी
(22)
शाहजहाँ
(1)
शाहजहाँपुर
(141)
श्रीलाल शुक्ल
(3)
संस्मरण
(48)
सूरज भाई
(167)
हास्य/व्यंग्य
(399)
Tuesday, September 02, 2014
अनुशासित साइकिल सवार
अच्छे दिन की तलाश में कतार में जाते अनुशासित साइकिल सवार।पीछे गाय भी है।
महेंद्र मिश्र
पंक्तिवद्ध अनुशासित
20 जून पर 09:22 पूर्वाह्न
·
नापसंद
·
1
Kumkum Tripathi
20 जून पर 09:31 पूर्वाह्न
·
नापसंद
·
1
Jeetu Ved
इतनी खाली सड़कें दिल्ली के लिए सपना है।
20 जून पर 11:47 पूर्वाह्न
·
नापसंद
·
1
Krishn Adhar
और गाय तक अपने सही तरफ अर्थात् वांये चल रही है,क्या अनुशासन है,जव पशु तक इतने अनुशासित तो अच्छे दिन वस राउन्ड द कर्नर।
20 जून पर 12:25 अपराह्न
·
नापसंद
·
1
Sunil Verma
ये सड़क पुलिया से आगे की है या पीछे की?
20 जून पर 12:28 अपराह्न
·
नापसंद
·
1
पूर्णिमा वर्मन
वाह वाह गाय अलग अपनी पटरी पर
20 जून पर 12:29 अपराह्न
·
नापसंद
·
1
Neeraj Goswamy
टायर घिस गए पर तलाश पूरी न हुई
20 जून पर 12:41 अपराह्न
·
नापसंद
·
1
सलिल वर्मा
पुलिया कर� पार
और बनाये कतार
देखो साइकिल सवार
...
और देखें
20 जून पर 06:54 अपराह्न
·
नापसंद
·
1
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment