Saturday, February 14, 2009

दिल तो दिल है, दिल का ऐतबार क्या क्या कीजै

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30 responses to “दिल तो दिल है, दिल का ऐतबार क्या क्या कीजै”

  1. Prashant (PD)
    ई लेखवा तो हम दू साल पहिले भी पढ़े थे, अभी बस रिवाइज करके निकल रहे हैं.. परीक्षा कब देना है दिन निकलवा दीजियेगा.. और नंबर अच्छा आना ही चाहिए, नहीं तो आपको हम खिचडी जरूर खिला देंगे.. :)
    मेरी पसंद वाला कवितवा बहुते नीमन लगा.. :)
  2. Dr. Vijay Tiwari " Kislay "
    दिल तो दिल है, दिल का ऐतबार क्या क्या कीजै! विस्तृत आलेख प्रेम पर बहुआयामी जानकारी और विनोद श्रीवास्तव जी कि रचना ने पोस्ट को पठनीय बना दिया है.
    -विजय
  3. ghughutibasuti
    चलिए दो साल पुरानी पोस्ट पर मेरी पुरानी टिप्पणी ले लीजिए।
    वाह, बहुत बढ़िया !
    घुघूती बासूती
  4. बवाल
    बाप रे बाप इतनी लम्बी पोस्ट पूरी दुनिया का चक्कर लगा डाला जी आपने तो हा हा बहुत ख़ूब। क्या क्या बातें कह डालीं। ऐसा ही कुछ हाल हमारी पोस्ट का भी हो गया आज, क्या कीजे।
  5. डा. अमर कुमार

    मस्त है..
    आपको वैलेन्टाइन महायोद्धा घोषित किया जाता है ।

  6. mahendra mishra
    दिल तो दिल है, दिल का ऐतबार क्या क्या कीजै
    बहुत बढ़िया मजेदार . धन्यवाद.
  7. हिमांशु
    प्रेम की लिखावट दो साल क्या दो सौ साल में भी पुरानी नहीं पड़ती. इस रचना के लिये धन्यवाद
  8. dhirusingh
    सवाल जबाब का जबाब नही इस पर्व की महिमा का ज्ञान प्राप्त हुआ . बाल्टी भर प्रेम लिए सोच रहे है उदेले या नही घर पर पता चल गया तो वेलेंटाइन की तरह सूली न चड़ा दिया जाऊ .
  9. Dr.Arvind Mishra
    बहुत अच्छा लिखा था आपने -प्रेम दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
  10. विनय
    अच्छा लिखा है, लेकिन सिर्फ़ यह बातें वेलेन्टाइन डे तक सीमित नहीं। यह सभी बड़े भारतीय त्योहारों पर लगू होती हैं।
    प्रेम दिवस की शुभकामनाएं

    गुलाबी कोंपलें
  11. दिनेशराय द्विवेदी
    बहुत खूब! आप ने सारी बातें कर डाली जीं। विनोद जी का गीत बहुत भाया।
    वैलेण्टाइन डे पर आप को भी बहुत बहुत बधाई जी।
  12. संत वेलेंटाइन
    सुर्खियों में रहने वाले ब्लॉगर पुरानी पोस्ट ठेल कर निकल लेते हैं. न तो नई पोस्टों पर कमेन्ट करते हैं और न ही नई पोस्ट लिखते हैं.
  13. Gyan Dutt Pandey
    बहुत प्रभावी पोस्ट! वेलेण्टाइन जैसे ईश्यू-लेस मुद्दे पर भी जो इतना बढ़िया लिख दे, वह निश्चय ही या तो महान लेखक होगा या महान दिल-फैंक। मुझे पूरा यकीन है कि दिल तो आपका आपके घर में ही है।
  14. समीर लाल
    अगर न बताते कि दो साल पहले की रीढेल है तो हम समझते कि दो साल से लिख रहे हैं, तब जाकर यह लम्बाई पा पाई. (क्रमशः)
  15. समीर लाल
    (जारी)बहुत बेहतरीन-सवाल जबाब पुनः पढ़ने में भी वही आनन्द बरकरार रहा और विनोद जी कविता के तो क्या कहने. भई, बहुत खूब.(क्रमशः)
  16. समीर लाल
    (जारी) प्रेम दिवस की आपको भी उछाल कर मुबारकबाद. लपको.. :)(समाप्त)
  17. प्रमेन्‍द्र प्रताप सिंह
    हम और क्‍या करे !!!
    अच्‍छा लिखा है।
  18. seema gupta
    दिल तो दिल है, दिल का ऐतबार क्या क्या कीजै
    चारों तरफ़ वातावरण वेलेंटाइन मय हो रहा है। …इ बात तो सच ही है……जहां देखो इ विषय पे चर्चा है….कहीं अच्छी तो कहीं खराब…..जो भी है आपके इस पुराने लेख ने कुछ ताजगी दी है…..ये दिन क्यूँ बनाया जाता है….इसका भी खुलासा हुआ इस लेख मे….कुछ दुःख जरुर हुआ पढ़कर….की किसी को फंसी हुई और …….जाने दीजिये चुप रहना बहतर है….”
    डूबें भी , उतरायें भी
    खिलें भी और कुम्हलायें भी
    घुलें-मिलें तो कभी-कभी
    मिलने मे शरमायें भी।
    ” कितने नाजुक से शब्द और भाव है…..पढ़कर सुखद लगा..”
    वैलेण्टाइन डे पर आप को भी बहुत बहुत बधाई
    Regard
  19. SHUAIB
    दो साल पुराने लेख पर इस साल के वैलेण्टाइन डे की बधाई क़बूल करें :)
    मगर सच ये है कि ये लेख मैं पहली बार पढ़ा है :P
  20. Anonymous
    प्रकृति ने हमें केवल प्रेम के लिए यहाँ भेजा है. इसे किसी दायरे में नहीं बाधा जा सकता है. बस इसे सही तरीके से परिभाषित करने की आवश्यकता है. ***वैलेंटाइन डे की आप सभी को बहुत-बहुत बधाइयाँ***
    ———————————–
    ‘युवा’ ब्लॉग पर आपकी अनुपम अभिव्यक्तियों का स्वागत है !!!
  21. satish saxena
    हंसा दिया आपने अनूप भाई, आपका बहुत धन्यवाद , आपको अनुसरण करने का प्रयत्न कर रहा हूँ पर लगता है बड़ा मुश्किल काम है ….
  22. Abhishek
    लोग वैलेंटाइन दिवस की बधाई दे रहे हैं. चलिए हम भी दे देते हैं… ‘बधाई हो’ :-)
  23. गौतम राजरिशी
    दू साल पहले तो हम इस ब्लौगवा के बारे में हम जानते भी नहीं थे,देव….
    और लेखबा इतना लंबा{मगर दिल्चस्प} है कि फिर आवेंगे पढ़ने
  24. Isht Deo Sankrityaayan
    “यह वेलेंटाइन दिवस नहीं ‘उपहार दिवस’ है। ‘बाजार दिवस’ है। यह ‘वेलेंटाइन डे’ नहीं ‘मार्केट डे’ है। ”
    भाई अब आप यही सब कहेंगे! आंय! जबकि मन इ मन सोचि रहे होंगे कि काश! अपन ज़माने में चलै होत इ रिवाज त मज़ा आ गै होत! है कि ना?
  25. anitakumar
    प्रेम दिवस की आप को भी ढेर सारी शुभकामनाएं। विनोद जी की कविता भी बढ़िया है। धन्यवाद
  26. शशि सिंह
    जब तक सूरज (रवि रतलामी) – चांद (शशि सिंह) रहेगा…
    शुकूलजी का वेलेंटाईनी पोस्ट आबाद रहेगा!
    मुम्बई हो या रतलाम
    संत वेलेंटाईन हो या घनश्याम
    राजा का दिल तो चवन्नी उछलबे करेगा
  27. puja upadhyay
    ये पोस्ट तो अमर प्रेम की तरह अमर है…तभी तो दो साल बाद भी लग रहा है कि ताजा माल है :) वैसे अन्तर बस बजरंग दल कि जगह राम सेने भर का आया है…बाकी तो सब सेम तो सेम है सिचुएशन.
  28. jitendra
    वेलेंटाइन-बुखार में जकड़ गया है देश
    लैला सा पागलपना,मजनू जैसा भेस,
    मजनू जैसा भेस कि सब बौराये हुये हैं
    प्रेम,प्यार, स्नेह,खुमारी मे लिपटाये हुये हैं,
    कह ‘अनूप’ सब मिलि चक्कर ऐसि चलाइन,
    देश के सब प्रेमी भू्ल गये बस याद रहे वेलेंटाइन!
  29. : फ़ुरसतिया-पुराने लेखhttp//hindini.com/fursatiya/archives/176
    [...] दिल तो दिल है, दिल का ऐतबार क्या क्या की… [...]
  30. mahaveer kumar balai

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