नेता माइक पर दहाड़ा
-हम विकास करायेंगे।
जनता ने समझ लिया,
अब ये देश बेच खायेंगे।
-हम विकास करायेंगे।
जनता ने समझ लिया,
अब ये देश बेच खायेंगे।
वो दांत भींचकर बोले,
साम्प्रदायिकता मिटायेंगे।
पब्लिक दहल गयी,
ये ससुरे दंगा करायेंगे।
साम्प्रदायिकता मिटायेंगे।
पब्लिक दहल गयी,
ये ससुरे दंगा करायेंगे।
जनता बोली माई-बाप,
जहां कहो ठप्पा लगायेंगें।
नेता बेचारा डर गया सुनकर,
इस बार ये अंगूठा दिखायेंगे।
जहां कहो ठप्पा लगायेंगें।
नेता बेचारा डर गया सुनकर,
इस बार ये अंगूठा दिखायेंगे।
-कट्टा कानपुरी
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