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हमारे मन का दीप खूब रौशन हो और उजियारा सारे जगत में फ़ैल जाए इसी कामना के साथ दीपावली की आपको और आपके परिवार को बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteपरिवार व इष्ट मित्रो सहित आपको दीपावली की बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteपिछले समय जाने अनजाने आपको कोई कष्ट पहुंचाया हो तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ !
chhatpooja ki shubhkamnaen
ReplyDeleteशुक्लजी,
ReplyDeleteक्षमा चाहता हूँ, अस्थाने लिख रहा हूँ, आपसे संपर्क का और कोई मार्ग न मिला.
आपकी टिपण्णी उत्साहित करनेवाली थी. लेकिन हजारीप्रसादजी वाले संस्मरण का पहला टुकडा पोस्ट करने के बाद दिल्ली में अजस्र वर्षा हुई और सर्वर बैठ गया. चाहकर भी अंतिम दो किश्तें ११ के पहले पोस्ट न कर सका. अब पूरा संस्मरण ब्लॉग पर है. आप इसे अवश्य पढें और अपनी निर्भीक टिपण्णी दें. आपके ब्लॉग पर 'कमाल कानपुर' का चिटठा देखकर प्रसन्न हुआ. आप यह जानकार प्रसन्न हों कि इस पत्र के सम्पादक श्रीसुनील तिवारी मेरे अनुज (साढू भाई) हैं. उनसे मिलने यदा-कदा कानपुर जाना होता है. कभी आपसे भी मिलना हो सकेगा... शायद... सप्रीत आ.
अनूप जी ये शायरी मेरी लिखी हुई है! गाँधी जयंती की शुभकामनायें!
ReplyDeleteदीप की स्वर्णिम आभा
ReplyDeleteआपके भाग्य की और कर्म
की द्विआभा.....
युग की सफ़लता की
त्रिवेणी
आपके जीवन से ही आरम्भ हो
मंगल कामना के साथ
Filhaal to tahe dilse shukriya ada kartee hun, janam din kee badhai ke liye...!
ReplyDeleteAalekh nahee khul paya...kal dobara yatn karungi!
http://shamasansmaran.blogspot.com
http://lalitlekh.blogspot.com
http://baagwaanee-thelihjtbyalonelypath.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
अरे हम भी टिपियाते चले !!
ReplyDeleteसर जी प्रणाम!!!
aapki kai rachna padhti aa rahi ,aapka jawab nahi ,aapki ada hi nirali hai ,vyang likhne me aap ustaad hai ,man par chhap chhodti hai ,abhi jo blog khul gaya wahi se likh rahi hoon ,aapke aane se dhnya hui ,main kuchh kahne me ashmarth hoon ,
ReplyDeleteAccha laga ki aapka site mila
ReplyDeleteआवत हैं भाई, आवत हैं. पर्तीच्छा करिए.
ReplyDeleteप्रिय शुक्ल अंकल,
ReplyDeleteआपका ब्लॉग देखकर हमेशा की भांति मन को बहुत अच्छा लगा. कैसे हैं आप? बहुत दिन हो गए आपसे कोई संपर्क नहीं हुआ. मैं आशा करता हूँ की घर में सब कुशल से होंगे. मैं कुछ ही समय बाद आपसे दूरसंचार के माध्यम द्वारा संपर्क स्तापिथ करूंगा.
चरण स्पर्श.
अमल
Dainik jagran me 20 nov 2011 ke jhhankar me shefali pande ke blog ki sameeksha ekdam mast rahi. Badhaai.
ReplyDeleteDooriyon say fark padhta nahi hai
ReplyDeleteBaatain to dilon ki nazdikiyon say hoti hai
Dost to kuch khaas aap jaisay hotay hain
Warna mulaqat tu najaney kitnon say hoti hai