Sunday, December 12, 2021

अभिषेक से मुलाकात



कल अभिषेक से मुलाकात हुई। इसके पहले की मुलाकात अभिषेक की शादी में, उसके बाद गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर चलते-फिरते हुई। कानपुर में रहते हुए कनपुरिये से ही न मिल पाए इससे बड़ा लफड़ा और क्या होगा?
Abhishek Awasthi नए व्यंग्य लेखकों में सबसे अच्छे वालों की श्रेणी में गिने जाते हैं। कोरोना काल में उनकी रचनाओं की Ramesh Saini रमेश सैनी जी ने चर्चा खूब की। तारीफ भी। उनकी एकमात्र व्यंग्य की किताब 'मृगया' को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का इनाम मिलते-मिलते रह गया। Alok Puranik जी बोले अब हम बहुत तेजी से बुजुर्ग हो रहे हैं, व्यंग्य लेखन से व्यंग्य एकरिंग पर शिफ्ट हो रहे हैं, पहले हमको इनाम दे दो। उन्होंने यह भी कहा कि इनाम मिलने पर हमारा नमन रहेगा। फिर क्या, उनकी किताब व्हाट्सएप के पढ़े-लिखे को दे दिया गया इनाम। आलोक पुराणिक जी ने यह तर्क भी दिया कि अनूप शुक्ल जी को फर्जी लेखन पर दो बार इनाम दे दिया गया तो हमको एक बार तो मिलना चाहिए, हमको तो व्यंग्य श्री भी चुका है। इस तर्क के आगे उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान इस तर्क के आगे 'सिलेंडर' कर गया। अभिषेक रह गए।
अब जो हुआ सो हुआ , आगे इनाम लेने की रणनीति बनाई गई। तय हुआ अगले इनाम के लिये अभिषेक फौरन किताब तय करेंगे। अगली बार जब इनाम के लिए भेजेंगे तो अलंकार रस्तोगी को बता देंगे। Alankar अलंकार जी अगली बार अपने लिए सेटिंग न करके अभिषेक के लिए करेंगे। इनाम पक्का मिलेगा। अभिषेक इनाम का श्रेय अपने पाठकों को देकर पार्टी करेंगे।
अभिषेक ने खूब लेख लिखे। व्यंग्य लेखन के लिए मुसीबत झेलने वाला सबसे युवा व्यंग्यकार होने के नाते भी सम्मान के हकदार हैं। देखते हैं साल-दो साल नहीं मिला कोई इनाम तो हम कनपुरियों की तरफ से किसी सम्मान की घोषणा करके सम्मानित कर देंगे अभिषेक, भले ही उसके लिए चंदा क्यों न करना पड़े। आजकल पूरी दुनिया तो चंदे पर चल रही है। पूंजीपतियों चंदे से सरकारें बनवाते हैं। सरकारें चंदे देने वालों के काम करवाती है।
अभिषेक पर सुशील सिद्धार्थ Sushil Siddharth जी के लेखन शैली का प्रभाव बताया जाता है। सुशील जी ने 'ज्ञान चतुर्वेदी व्यंग्य सम्मान' शुरू किया। इस सम्मान के हम शुरू में सख्त विरोधी रहे। लेकिन अब जब शुरू हुआ है तब इसके चालू रहने के सख्त हिमायती। लेकिन लगता है यह सम्मान संस्थागत तरीके से और व्यवस्थित ढंग से होना चाहिए। हर बार चंदा जमा करने के बजाय एक बड़ी धनराशि इसमें जमा करके उसके ब्याज से इसका आयोजन होना चाहिए।
संयोग से यह पोस्ट लिखते समय भोपाल स्टेशन से गुजर रहे हैं। आज ही ज्ञान चतुर्वेदी व्यंग्य सम्मान समारोह होना है। आज डॉ अतुल चतुर्वेदी DrAtul Chaturvedi और विजी श्रीवास्तव Viji Shrivastava को मिलना है सम्मान। डॉ अतुल चतुर्वेदी को फोन किया , बधाई दे दी।साल भर पहले घोषित इनाम लेने आ रहे हैं वो। विजी का फोन उठा नहीं। लगता है भाई जी इंतजाम में व्यस्त हैं। शांतिलाल जैन जी से भी बात हुई। अपन भोपाल के पास गुजरते हुए भी यहां पहुंच नहीं पा रहे। बुरहानपुर में आज भतीजी की शादी है। वहां जाना जरूरी। कोई नहीं लाइव देखेंगे। आप भी देखिए।

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