चलते हैं दूर सभी सवालों से
ख्यालों से भी दूर हो के आते हैं,
आवाज देकर जहां से कोई बुला न सके,
वहां तक होकर आते हैं...
समझना और समझाना ,
इस सब के थोड़ा पार जाते हैं,
थोड़ा ही सही , खुद से मिलकर आते हैं,
जहां से मेरी चीख किसी को न सुनाई दे,
वहां तक होकर आते हैं...
उलझे हुए हैं सभी यहां,
सबसे दूर कुछ देर खुद को सुलझाकर आते हैं,
जहां यह भारी मन हल्का महसूस करे,
वहां तक होकर आते हैं...
जिस जगह पर रोज जितना न पड़े,
मन है इस बार, थोड़ा हारकर आते हैं,
जहां तक जाने पर बैठ सकूं थोड़ा,
इस बार वहां तक होकर आते हैं...
चलो , थोड़ा दूर जाते है....
थोड़ा दूर जाने की बात हमारे छोटे बेटे अनन्य Anany Shukla ने यात्रा से वापस आकर की।
अनन्य पिछले तीन वर्षों से घुमक्कड़ी में जुटे हैं। तीन वर्ष पहले कारपोरेट की सर्विस छोड़कर घूमने-घुमाने का काम कर रहे हैं। अपनी ट्रेवल कम्पनी फिरगुन ट्रैवल्स Firgun Travels के माध्यम से देश विदेश की 41 ट्रिप लीड कर चुके हैं।
पिछले दिनों मंडी, हिमाचल प्रदेश में मंडी के पास 17345 फुट ऊँची फ्रेंडशिप पीक की ट्रेकिंग की। उस दौरान हर तरह के सम्पर्क से दूर रहे। मोबाइल बंद। हर शाम केवल सूचना मिलती थी, सब ठीक है।
फ्रेंडशिप पीक की ट्रैकिंग जरुर कठिन रही होगी। शायद इसीलिए आधे लोग ही पीक तक पहुंच सके। बाकी रुक गए रास्ते में। बिना शिखर तक पहुंचे लौट आए।
ऐसी किसी यात्रा पर निकलने और यात्रा के दौरान उठने वाले भाव लिखे अनन्य ने, यात्रा से लौट कर।
सफ़र की कुछ फ़ोटुएँ देखकर एहसास होता है कि ट्रैक कितना चुनौती भरा रहा होगा।
अनन्य की कम्पनी फिरगुन ट्रेवल्स को पिछले दिनों एक संस्था ट्रिप एडवाइजर ने अच्छी 10% ट्रेवल कम्पनियों में होने का प्रमाणपत्र दिया। यह प्रमाणपत्र ट्रिप में गये लोगों के फीडबैक के आधार पर दिया गया है।
घूमने-घुमाने का काम भी अनूठा है। ' सैर कर दुनिया की गाफिल' तो बचपन से सुनते आए हैं। अनन्य का कहना है -'निकल बेवजह।'(वीडियो का लिंक कमेंट में। अनन्य का लिखा यह गीत उनके दोस्त अरिजित आनंद ने गाया है)
तो कब निकल रहे हैं घूमने के लिए?
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