द्वीप पर उतरते ही सामने खूब खुला-खुला मैदान गलियारे जैसा इलाका दिखा जैसा आमतौर पर किलों में दिखता है। सामने ही बड़ी पानी की टँकी और लाइटहाउस दिखता है। हर इमारत अपने में खास और कुछ विशेष इतिहास की गवाह। हम बारी-बारी से उन इमारतों की संगत में इतिहास के साथ जुड़ते रहे।
सबसे शुरू में स्पेनिश घुमक्कड़ खोजी जुआन मैनुएल दि आयला 1775 में यहां आए और इस द्वीप का नामकरण किया। इसके बाद स्पेनिश लोग इस इलाके में बसने लगे। फिर मेक्सिकन लोगों ने यहां डेरा डाला। कैलिफोर्निया के अंतिम मेक्सिकन गर्वनर पियो पिको ने यहां एक लाइटहाउस की योजना बनाई। लेकिन जब तक वह अपनी योजना को अंजाम दे पाता तब तक इस पर अमेरिकन लोगों का कब्जा हो गया। 1847 में कैलिफोर्निया के मिलिट्री गवर्नर इसे मैक्सिकन सरकार से अमेरिका के लिए खरीद लिया।
अमेरिका पर कब्जे के बाद यहां सोने की खानों का पता चला। इसके बाद तो यहां आने वालों की तादाद में बेतहाशा इजाफा हुआ। सोने की खानों से होने वाली आमदनी से यहां आने वाले जहाजों की संख्या बढ़ गयी। सैनफ्रांसिस्को की आबादी में भी बढ़ोत्तरी हुई। 1849 तक 300 उनींदे लोगों का शहर सैनफ्रांसिस्को, 20000 गन्दे और चमकते हुए नागरिकों का शहर बन गया।
1846 में इस द्वीप की सुरक्षा के लिहाज से यहां एक लाइटहाउस और किले का विचार बना। 1850 में सैनफ्रांसिस्को की सुरक्षा के लिहाज से गोल्डन गेट के दोनों तरफ दो किले और एक छोटा किला अलकाट्राज में बनाये जाने का विचार बना। 1853 में किला बनने की शुरुआत हो भी गई। 1854 में पहले लाइटहाउस की शुरुआत हुई।
लाइटहाउस में रोशनी के लिए पहले मिट्टी का तेल , फिर डीजल/पेट्रोल और बाद में बिजली का उपयोग होता रहा। रोशनी के लिए बिजली के प्रयोग के पहले लाइटहाउस का इंतजाम देखने वाले लाइटहाउस के पास ही घरों में रहते थे। ऊंचे लाइटहाउस में चढ़कर इसके लैम्प को साफ करते थे और उसमें तेल भरकर रखते थे ताकि लाइटहाउस अपना काम करता रहे। 1963 में यहां की जेल के बन्द होने के बाद लाइटहाउस आटोमेटिक हो गया। इसकी देखभाल अमेरिका कोस्ट गार्ड करता है।
1861 में अमेरिका में गृह युध्द छिड़ गया। चार साल चला। शहर और बंदरगाह आर्थिक रूप से समृध्द होने के कारण यहां होने वाले हमले बढ़ गए। एक समय इस किले की रक्षा के लिए द्वीप पर 111 गने थीं। चार सौ से अधिक सैनिक इसकी सुरक्षा के लिए तैनात थे। 1864 में किले की रक्षा के लिए 25 टन वजन वाली रोडमैन तोपें लगाई गईं। ये तोपें 15 इंच और 440 पाउंड के गोले तीन मील दूर तक फेंक सकतीं थीं।
गृह युध्द के दौरान मिलिट्री तकनीकी बहुत तेजी से बदली। सुधार के बावजूद अलकाट्राज का रक्षण पुराना और खर्चीला होता चला गया। अंततः 1907 में अमरीकन सेना ने किले के रूप में अलकाट्रांज को खारिज कर दिया। बाद के दिनों में इसका उपयोग एक जेल के रूप में हुआ।
द्वीप पर पानी की टँकी यहां का मुख्य आकर्षण है। इसके साथ कई किस्से भी जुड़े हैं। यहां खुद का पानी तो था नहीं। शुरुआती दौर में पीने और दीगर कामों के लिए पानी फेरी से लाया जाता था। पानी को छत पर बनी टँकी में रखा जाता था। 1940-41में पानी की टँकी बनी। 29 मीटर ऊंची पानी की टँकी इस द्वीप की सबसे ऊंची इमारत है। इस टँकी में पीने, आग बुझाने और धुलाई के लिए पानी इकट्ठा किया जाता था।
गृह युध्द के बाद यह पानी की टँकी स्थानीय लोगों के विद्रोह के प्रतीक के रूप में उभरी। नवबंर 1969 से जून 1971 तक इस द्वीप पर 89 अमेरिकी स्थानीय लोगों का कब्जा रहा। रिचर्ड ऑक्स , लनादा मीन्स और अन्य लोगों की अगुआई में 19 महीने तक अपने कब्जे के दौरान इस टँकी को स्थानीय लोगों ने प्रतिरोध के नारे लिखने के लिए उपयोग किया।
बाद के दिनों में समुद्री हवाओ के खारेपन के कारण टँकी जंग लगने के कारण कमजोर होती गयी। 2017 में इसको फिर से मज़बूत किया गया।
पानी की टँकी के बाद हम अंदर के हिस्से की तरफ गए जहां कभी दुर्गम अलकाट्राज जेल थी।
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