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पुस्तक मित्र -बनेंगे?
By फ़ुरसतिया on August 14, 2007
बचपन से हम सरिता/मुक्ता में छपे विज्ञापनी आवाहन पढ़ते आये हैं- क्या आप मांग कर खाते हैं, मांगकर पढ़ते हैं। यदि नहीं तो मांगकर पढ़ते क्यों हैं?
हम मारे डर के किताबें खरीद के पढ़ने लगे।
आज हमारे पास काफ़ी किताबें जमा हो गयीं। उनमें से तमाम अभी पढ़ी जानी हैं।
किताबें हम अक्सर यात्रा के दौरान रेलवे स्टेशन से खरीदते हैं या फिर किसी पुस्तक मेले से। शहर के माल रोड पर स्थित करेंट बुक डिपो हमारे शहर का एक मात्र ऐसा स्थान है जहां लगभग हर जरूरी किताब मिल जाती है।
अक्सर मुझसे कई बार कुछ मित्रों ने पूछा है कि हिंदी की फ़लानी किताब कहां मिलेगी? कैसे मंगायें? कितने की है।
उन मित्रों की जानकारी के लिये बताना चाहता हूं कि राजकमल प्रकाशन की पुस्तक मित्र योजना एक योजना है जिसके माध्यम से आप सस्ते में किताबें प्राप्त कर सकते हैं।
इस योजना में आपको एक बार धरोहर के रूप में १००० रुपये राजकमल प्रकाशन के पास जमा करने होते हैं। राशि मिलते ही वहां से आपको राशि का प्रमाणपत्र और २०० मूल्य की किताबें उपहार स्वरूप मिल जायेंगी। इस योजना में आपको हर साल २०० मूल्य की किताबें उपहार स्वरूप मिल जायेंगी चाहे आप किताबें खरींदे या न खरीदें। मतलब जमा राशि के बीस प्रतिशत का ब्याज हर वर्ष आपको मिल जायेगा।
जब तक आपकी सदस्यता रहेगी, आपको हर वर्ष २०० रुपये की उपहार पुस्तकें मिलती रहेंगी। तीन साल के बाद अगर आप चाहें तो अपनी सद्स्यता समाप्त करके अपनी धरोहर राशि वापस पा सकते हैं। पूरी की पूरी १००० रुपये।
पुस्तक मित्र योजना का सदस्य बनने पर आप किताबों के दामों में आकर्षक छूट भी प्राप्त कर सकते हैं। सामान्यत: पाठ्कों को पुस्तकों पर १० प्रतिशत की छूट दी जाती है। लेकिन पुस्तक मित्र योजना की सदस्यता प्राप्त कर लेने पर सदस्यों को राजकमल प्रकाशन से संबद्ध सभी पुस्तकें २५ प्रतिशत छूट पर उपलब्ध कराई जाती हैं। राजकमल प्रकाशन के सहयोगी प्रकाशन हैं राधाकृष्ण प्रकाशन और अब इलाहाबास स्थित लोकभारती प्रकाशन भी इनके साथ जुड़ गया है।
इसके अतिरिक्त लाभ यह भी कि छूट के बाद २०० रुपये या इससे अधिक का आदेश भिजवाने पर पुस्तकों पर आने वाला डाक व्यय भी आपसे नहीं लिया जाता। वह प्रकाशक स्वयं वहन करता है।
इसके अतिरिक्त अन्य कई लाभ और सुविधायें भी हैं जो आप सदस्यता ग्रहण करते ही प्राप्त करने लगेंगे।
हर दो माह में पुस्तक मित्र योजना के सदस्यों को राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित होने वाला प्रकाशन समाचार भी भेजा जाता है। इसमें आपको पुस्तक प्रकाशन से संबद्ध समाचार भेजे जाते हैं। प्रकाशनों में उपलब्ध पुस्तकों की सूची ,दाम -सूचना सहित, भी प्रदान की जाती है।
जैसे इसी बार बताया गया है -वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष जोशी १५ जुलाई को ७१ वें साल में प्रवेश कर गये। आज भी वे लगभग २००० शब्द प्रतिदिन अपने हाथ से लिखते हैं।
कुछ रचनावलियां जो राजकमल प्रकाशन में उपलब्ध हैं वे निम्न हैं-
१. निराला रचनावली(आठ खण्ड) सजिल्द मूल्य ३६००/-, पेपरबैक मूल्य १०००/-
२. हजारी प्रसाद द्विवेदी रचनावली(ग्यारह खण्ड) सजिल्द मूल्य ५५००/-, पेपरबैक मूल्य २०००/-
३. मुक्तिबोध रचनावली(छ्ह खण्ड) सजिल्द मूल्य ३०००/-, पेपरबैक मूल्य ९००/-
४. नागार्जुन रचनावली(सात खण्ड) सजिल्द मूल्य ४१००/-, पेपरबैक मूल्य १४००/-
५. रेणु रचनावली(सात खण्ड) सजिल्द मूल्य ३०००/-, पेपरबैक मूल्य १०००/-
६. परसाई रचनावली(आठ खण्ड) सजिल्द मूल्य २४००/-, पेपरबैक मूल्य ९००/-
७. दस्तावेज मंटो (पांच खण्ड) सजिल्द मूल्य २५००/-, पेपरबैक मूल्य १०००/-
८. बेदी समग्र (दो खण्ड) सजिल्द मूल्य ७००/-, पेपरबैक मूल्य २००/-
९. महात्मा ज्योतिबा फ़ुले रचनावली(दो खण्ड) पेपरबैक मूल्य २५०/-
१०. बच्चन रचनावली (नौ खण्ड) सजिल्द मूल्य ६३००/-
११. सुमित्रानन्दन पंत रचनावली (सात खण्ड) सजिल्द मूल्य ४२००/-
१२. रघुवीर सहाय रचनावली (छह खण्ड) मूल्य ४२००/-
१३. श्रीकांत वर्मा रचनावली (चार खण्ड) सजिल्द मूल्य २०००/-
१४. बेनीपुरी रचनावली (आठ खण्ड) सजिल्द मूल्य ४०००/-
२. हजारी प्रसाद द्विवेदी रचनावली(ग्यारह खण्ड) सजिल्द मूल्य ५५००/-, पेपरबैक मूल्य २०००/-
३. मुक्तिबोध रचनावली(छ्ह खण्ड) सजिल्द मूल्य ३०००/-, पेपरबैक मूल्य ९००/-
४. नागार्जुन रचनावली(सात खण्ड) सजिल्द मूल्य ४१००/-, पेपरबैक मूल्य १४००/-
५. रेणु रचनावली(सात खण्ड) सजिल्द मूल्य ३०००/-, पेपरबैक मूल्य १०००/-
६. परसाई रचनावली(आठ खण्ड) सजिल्द मूल्य २४००/-, पेपरबैक मूल्य ९००/-
७. दस्तावेज मंटो (पांच खण्ड) सजिल्द मूल्य २५००/-, पेपरबैक मूल्य १०००/-
८. बेदी समग्र (दो खण्ड) सजिल्द मूल्य ७००/-, पेपरबैक मूल्य २००/-
९. महात्मा ज्योतिबा फ़ुले रचनावली(दो खण्ड) पेपरबैक मूल्य २५०/-
१०. बच्चन रचनावली (नौ खण्ड) सजिल्द मूल्य ६३००/-
११. सुमित्रानन्दन पंत रचनावली (सात खण्ड) सजिल्द मूल्य ४२००/-
१२. रघुवीर सहाय रचनावली (छह खण्ड) मूल्य ४२००/-
१३. श्रीकांत वर्मा रचनावली (चार खण्ड) सजिल्द मूल्य २०००/-
१४. बेनीपुरी रचनावली (आठ खण्ड) सजिल्द मूल्य ४०००/-
इसके अलावा तमाम प्रसिद्ध लेखक/कवि की किताबें राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई हैं। ये सभी आपको पुस्तक मित्र योजना के अंतर्गत मिल सकती हैं। श्रीलाल शुक्ल, राही मासूम रजा, मनोहर श्याम जोशी, शिवानी, महाश्वेता देवी और अन्य तमाम लेखको कवियों की रचनायें यहां से प्रकाशित हैं। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कृतियां भी राधाकृष्ण प्रकाशन से मिल जायेंगी।
आज जब किताबों के मंहगे होने का रोना रोया जाता है। लेकिन इस योजना के पेपरबैक किताबों का दाम देखकर लगता है कि किताबें उतनी मंहगी नहीं हैं जितना हम उनको बनाकर उनसे दूर रह लेने में सफ़ल हो जाते हैं। रागदरबारी( श्रीलाल शुक्ल), आधा गांव (राही मासूम रजा) ,कसप( मनोहर श्याम जोशी), झीनी-झीनी बीनी चदरिया( अब्दुल बिस्मिलाह) ऐसी किताबें हैं जिनको अगर आप एक बार पढ़ते हैं तो जिंदगी भर याद रखते हैं। जितनी बार पढ़ते हैं, हर बार नया मजा आता है। ये सारी की सारी किताबें सौ रुपए से कम में उपलब्ध हैं। छूट के बाद जिस दाम में पड़ेंगी उतने में आप अपने दोस्त के साथ किसी कायदे के होटल में एक चाय भी शायद न पी पायें।
तो क्या विचार है? बनेंगे पुस्तक मित्र योजना के सद्स्य? बनिये या न बनिये, सोच लेने में क्या हर्ज है।
राजकमल प्रकाशन योजना का पता है:
राजकमल प्रकाशन लिमिटेड,
1-बी, नेताजी सुभाष मार्ग,दरियागंज- दिल्ली- 110 002
फोन -011-2327 4463, 2328 8769 , 2324 0464 फ़ैक्स-011- 2327 8144
website:http://www.rajkamalprakashan.com, email:info@rajkamalprakashan.com/
1-बी, नेताजी सुभाष मार्ग,दरियागंज- दिल्ली- 110 002
फोन -011-2327 4463, 2328 8769 , 2324 0464 फ़ैक्स-011- 2327 8144
website:http://www.rajkamalprakashan.com, email:info@rajkamalprakashan.com/
शाखायें: अशोक राजपथ, साइंस कालेज के सामने, पटना (बिहार) , फोन: 0612- 2672280
पहली मंजिल, दरबारी बिल्डिंग, महात्मा गांधी मार्ग, इलाहाबाद-1 , फोन: 0532- 3293838, 242 7274
पहली मंजिल, दरबारी बिल्डिंग, महात्मा गांधी मार्ग, इलाहाबाद-1 , फोन: 0532- 3293838, 242 7274
मेरी पसंद
क्या खाकर बौराये बादल?
झुग्गी-झोपड़ियां उजाड़ दीं
कंचन-महल नहाये बादल!दूने सूने हुये घर
लाल लुटे दृग में मोती भर
निर्मलता नीलाम हो गयी
घेर अंधेर मचाये बादल!जब धरती कांपी, बड़ बोले-
नभ उलीचने चढ़े हिंडोले,
पेंगे भर-भर ऊपर-नीचे
मियां मल्हार गुंजाए बादल!काली रात, नखत की पातें-
आपस में करती हैं बातें
नई रोशनी कब फूटेगी?
बदल-बदल दल छाए बादल!
कंचन महल नहाए बादल!
जानकीवल्लभ शास्त्री
Posted in बस यूं ही, सूचना | 31 Responses
धन्यवाद अच्छी जानकारी देने के लिए, सचमुच में राजकमल प्रकाशन में साहित्य का ल्रभग संपूर्ण खजाना है इस सुविधा का लाभ उठाना चाहिए ।
कितने अंतराल में? प्रतिदिन? हर हफ़्ते? हर महीने?
विदेशो मे रहने वाले कैसे सदस्य बनें और किताबे भेजने का क्या तरीका रहेगा।
क्या विदेशो मे रहने वाले, भारत मे रह रहे किसी व्यक्ति को सदस्यता उपहार मे दे सकते है? यदि हाँ तो कैसे?
ज्ञानपीठ प्रकाशन के पाठक समुदाय के तो हम सदस्य हैं तो हर महीने न्यूज़ लेटर डाक से मिल जाता है, साथ ही खरीदी पर छूट भी!!
ये राजकमल प्रकाशन की इस योजना की जानकारी नही थी, ये योजना तो और बढ़िया लग रही है!!
सच मे शुक्रिया!!
Dhanyawad
aap sabhi ko fursatiya page me dekh/padh kar achcha laga
aise hi hum achchi kitaaben read karen aur achchi baaten karen to ho na jaayegi duniya kitti sunder, ekdum adbhut!
such-much
anwar suhail
thanks…