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हमारा प्रधानमंत्री कैसा हो
By फ़ुरसतिया on June 27, 2013
एक सरकारी स्कूल का सीन।
गुरुजी कहीं निकल गये हैं। रोज की तरह। शायद पान खाने गये हैं चौराहे तक।
बच्चे हुड़दंग मचा रहे हैं। कापियां फ़ाड़कर जहाज उड़ाने की उमर से आगे के बच्चे। बारिश हो रही है इसलिये मैदान में बस्ता जमाकर क्रिकेट खेलने से वंचित बच्चे क्लास में अबे-तबे कर रहे हैं। कुछ देर अंताक्षरी खेलने के बाद वे कुछ नया करने की सोचने लगे।
एक बच्चे ने सुझाव दिया- चल बे अपना मॉनीटर चुनते हैं। मजा आयेगा।
अबे मॉनीटर चुनने से क्या होगा? क्या मॉनीटर पर्चा आउट करायेगा? हमको पास करायेगा? – कई लोगों का सवाल था।
अबे नहीं यार, मॉनीटर चुनने से क्लास के हाल सुधर जायेंगे। जैसे देश का अगला प्रधानमंत्री चुनते ही देश के हाल चकाचक हो जायेंगे वैसे ही मॉनीटर बनते ही क्लास का कल्याण हो जायेगा। -मॉनीटर चुनने का सुझाव देने वाले बच्चे ने बताया।
अबे तुम तो मीडिया वालों की तरह बातें करने लगे। लगता है किसी भाड़े के टीवी के एंकर बनोगे आगे चलकर। यहां क्लास में प्रैक्टिस कर रहे हो। करो, करो। जब मीडिया को बेवकूफ़ी करने से नहीं रोका अपन ने तो तुम तो फ़िर भी दोस्त हो।- बच्चे में मीडिया एक्स्पर्ट का अंदाज था।
आखिर में दो बच्चे, जिनकी सब खिल्ली उड़ाते थे अलग-अलग कारणों से , तय हुये मॉनीटर के चुनाव के लिये। दो दल बन गये। प्रचार होने लगा अपने-अपने मॉनीटर पद के प्रत्याशी का।
-अबे तुम्हारा मॉनीटर सुबह जब आंख मलते हुये उठता है तब तक हमारा मॉनीटर चार घंटे का रियाज करके नाश्ता करता है। मॉनीटर नं एक की टीन ने मिसरा उठाया।
-अबे मेरा मॉनीटर सब पढ़ाई रात को करके देर तक टीवी देखकर सोता है। तेरे मॉनीटर की तरह रात का काम सुबह पर नहीं छोड़ता। – दो नंबर मॉनीटर की टीम ने सुर मिलाया।
-अबे तेरा मॉनीटर हिन्दी वाली ’कुमार मित्तल’ से फ़िजिक्स पढ़ता है। -मॉनीटर नंबर एक की टीम व्यक्तिगत स्तर पर उतर आयी।
-अब देख ये सीडी इसमें तेरा मॉनीटर ’रेसनिक हेलीडे’ की फ़िजिक्स की किताब के नीचे इंगलिश टू हिन्दी वाली भार्गव डिस्कशनरी दबाये है। छद्म इंग्लिशिया है तेरा मॉनीटर। -दो नंबरी टीम ने दहला मारा।
-अबे तेरा मॉनीटर मैदान में निपटने जाता है। कमोड पर बैठ नहीं पाता है।
-अबे तेरा मॉनीटर कमोड पर वज्रासन लगाता है।
-अबे तेरा मॉनीटर अभी तक सर को सर कहना नहीं सीखा- गुरुजी कहता है। बालकांडिया है तेरा मॉनीटर।
-अबे तेरा मॉनीटर तो मोहब्बत की बात ऐसे करता है जैसे लंकाकाण्ड पढ़ रहा हो।
-अबे तेरे को मॉनीटर तो अभी तक बाइक को बाइक कहना नहीं सीखा। मोटर साइकिल बोलता है।
-तेरे वाले को अभी तक लड़कियों से बात करने में शरम आती है। क्या बनेगा क्लास का मॉनीटर?
-तेरा मॉनीटर को सब लड़कियों को बहन जी नमस्ते कहता है। जैसे स्कूल कोई गुरुकुल हो।
-अबे तेरे मॉनीटर की तो नकल के नाम पर नानी मरती है। अपन का मॉनीटर तो गुरुजी की आंख के सामने सबको खुल्लम खुल्ला नकल करवाता है।
-अबे मेरा मॉनीटर सबको पर्चा आउट करवाता है। घर जाकर बताता है। पास कराता है।
-अबे तेरे मॉनीटर को बोलना तक नहीं आता- मिमियाता है।
-अबे तेरे वाला तो हर बात में चिल्लाता है। वीर रस की कविता जैसा सुनाता है।
अचानक गुरु जी के कक्षा में प्रवेश से मॉनीटर सभा में उसी तरह सन्नाटा छा गया जिस तरह परशुराम जी के जनक सभी में प्रवेश से कभी छाया होगा।
गुरुजी ने सब बच्चों को बताया कि आज वे आगामी परीक्षा में आने वाले निबंध का रियाज करायेंगे। विषय बताया – हमारा अगला प्रधानमंत्री कैसा हो?
हमारे मॉनीटर जैसा हो- दोनों मॉनीटरों के समर्थक बच्चे एक साथ चिल्लाये।
गुरु जी ने माजरा समझने के लिये क्लास को घूरना शुरु किया। ऐसा लगा कोई विकसित देश तमाम विकासशील देशों की आत्मनिर्भर होने की कोशिशों को घूर रहा हो। दोनों मॉनीटर पद के प्रत्याशी सर झुकाये अपने पेंसिलें छीलते हुये बगल की कन्याओं की नजरों के इशारे से माहौल का जायजा ले रहे थे जैसे देश के अनेकानेक प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी अपनी पी.आर. एजेंसियों से लेते हैं।
सूचना: तस्वीरें फ़्लिकर से साभार!
गुरुजी कहीं निकल गये हैं। रोज की तरह। शायद पान खाने गये हैं चौराहे तक।
बच्चे हुड़दंग मचा रहे हैं। कापियां फ़ाड़कर जहाज उड़ाने की उमर से आगे के बच्चे। बारिश हो रही है इसलिये मैदान में बस्ता जमाकर क्रिकेट खेलने से वंचित बच्चे क्लास में अबे-तबे कर रहे हैं। कुछ देर अंताक्षरी खेलने के बाद वे कुछ नया करने की सोचने लगे।
एक बच्चे ने सुझाव दिया- चल बे अपना मॉनीटर चुनते हैं। मजा आयेगा।
अबे मॉनीटर चुनने से क्या होगा? क्या मॉनीटर पर्चा आउट करायेगा? हमको पास करायेगा? – कई लोगों का सवाल था।
अबे नहीं यार, मॉनीटर चुनने से क्लास के हाल सुधर जायेंगे। जैसे देश का अगला प्रधानमंत्री चुनते ही देश के हाल चकाचक हो जायेंगे वैसे ही मॉनीटर बनते ही क्लास का कल्याण हो जायेगा। -मॉनीटर चुनने का सुझाव देने वाले बच्चे ने बताया।
अबे तुम तो मीडिया वालों की तरह बातें करने लगे। लगता है किसी भाड़े के टीवी के एंकर बनोगे आगे चलकर। यहां क्लास में प्रैक्टिस कर रहे हो। करो, करो। जब मीडिया को बेवकूफ़ी करने से नहीं रोका अपन ने तो तुम तो फ़िर भी दोस्त हो।- बच्चे में मीडिया एक्स्पर्ट का अंदाज था।
आखिर में दो बच्चे, जिनकी सब खिल्ली उड़ाते थे अलग-अलग कारणों से , तय हुये मॉनीटर के चुनाव के लिये। दो दल बन गये। प्रचार होने लगा अपने-अपने मॉनीटर पद के प्रत्याशी का।
-अबे तुम्हारा मॉनीटर सुबह जब आंख मलते हुये उठता है तब तक हमारा मॉनीटर चार घंटे का रियाज करके नाश्ता करता है। मॉनीटर नं एक की टीन ने मिसरा उठाया।
-अबे मेरा मॉनीटर सब पढ़ाई रात को करके देर तक टीवी देखकर सोता है। तेरे मॉनीटर की तरह रात का काम सुबह पर नहीं छोड़ता। – दो नंबर मॉनीटर की टीम ने सुर मिलाया।
-अबे तेरा मॉनीटर हिन्दी वाली ’कुमार मित्तल’ से फ़िजिक्स पढ़ता है। -मॉनीटर नंबर एक की टीम व्यक्तिगत स्तर पर उतर आयी।
-अब देख ये सीडी इसमें तेरा मॉनीटर ’रेसनिक हेलीडे’ की फ़िजिक्स की किताब के नीचे इंगलिश टू हिन्दी वाली भार्गव डिस्कशनरी दबाये है। छद्म इंग्लिशिया है तेरा मॉनीटर। -दो नंबरी टीम ने दहला मारा।
-अबे तेरा मॉनीटर मैदान में निपटने जाता है। कमोड पर बैठ नहीं पाता है।
-अबे तेरा मॉनीटर कमोड पर वज्रासन लगाता है।
-अबे तेरा मॉनीटर अभी तक सर को सर कहना नहीं सीखा- गुरुजी कहता है। बालकांडिया है तेरा मॉनीटर।
-अबे तेरा मॉनीटर तो मोहब्बत की बात ऐसे करता है जैसे लंकाकाण्ड पढ़ रहा हो।
-अबे तेरे को मॉनीटर तो अभी तक बाइक को बाइक कहना नहीं सीखा। मोटर साइकिल बोलता है।
-तेरे वाले को अभी तक लड़कियों से बात करने में शरम आती है। क्या बनेगा क्लास का मॉनीटर?
-तेरा मॉनीटर को सब लड़कियों को बहन जी नमस्ते कहता है। जैसे स्कूल कोई गुरुकुल हो।
-अबे तेरे मॉनीटर की तो नकल के नाम पर नानी मरती है। अपन का मॉनीटर तो गुरुजी की आंख के सामने सबको खुल्लम खुल्ला नकल करवाता है।
-अबे मेरा मॉनीटर सबको पर्चा आउट करवाता है। घर जाकर बताता है। पास कराता है।
-अबे तेरे मॉनीटर को बोलना तक नहीं आता- मिमियाता है।
-अबे तेरे वाला तो हर बात में चिल्लाता है। वीर रस की कविता जैसा सुनाता है।
अचानक गुरु जी के कक्षा में प्रवेश से मॉनीटर सभा में उसी तरह सन्नाटा छा गया जिस तरह परशुराम जी के जनक सभी में प्रवेश से कभी छाया होगा।
गुरुजी ने सब बच्चों को बताया कि आज वे आगामी परीक्षा में आने वाले निबंध का रियाज करायेंगे। विषय बताया – हमारा अगला प्रधानमंत्री कैसा हो?
हमारे मॉनीटर जैसा हो- दोनों मॉनीटरों के समर्थक बच्चे एक साथ चिल्लाये।
गुरु जी ने माजरा समझने के लिये क्लास को घूरना शुरु किया। ऐसा लगा कोई विकसित देश तमाम विकासशील देशों की आत्मनिर्भर होने की कोशिशों को घूर रहा हो। दोनों मॉनीटर पद के प्रत्याशी सर झुकाये अपने पेंसिलें छीलते हुये बगल की कन्याओं की नजरों के इशारे से माहौल का जायजा ले रहे थे जैसे देश के अनेकानेक प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी अपनी पी.आर. एजेंसियों से लेते हैं।
सूचना: तस्वीरें फ़्लिकर से साभार!
Posted in बस यूं ही | 15 Responses
Pawan Mishra की हालिया प्रविष्टी..आन के लोखरिया सगुन बतावे अपुना कुकुरन से नोचवावे
shikha varshney की हालिया प्रविष्टी..गृह विज्ञान ..किसके लिए ?
Gyandutt Pandey की हालिया प्रविष्टी..शैलेश का उत्तराखण्ड के लिये प्रस्थान
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मुलुक के परधानमंतरी का चुनाव कक्षा के मनीटर जैसा हो गया !
masijeevi की हालिया प्रविष्टी..दर्शक की परीक्षा है शांघाई
देवांशु निगम की हालिया प्रविष्टी..इतिहास में डुबकी और बिजली का टोका !!!
प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..महीने भर का ऱाशन या महीने भर का लेखन
कमाल का लेखन… ज्ञानदत्त पांडेय जी की टिप्पणी बिल्कुल सटीक… इंटरनेट का शुक्रिया जिसकी वजह से ये सब संभव हो पा रहा है… बधाई…