होली के मौके पर टाइटल की पहली किस्त जारी की जा रही है। अपने खास मित्रों के लिये अगली किस्त शेष अगले अंक में । जिनको टाइटल पसंद न आये हों वे बताएं तो उनके टाइटल बदल देंगे। मुफ्त में। :)
1.Gyan Chaturvedi: व्यंग्य के शिखर से ’हम न टरब’।
2. प्रेम जनमेजय: ’व्यंग्य यात्रा’ के लिये व्यंग्य की जमीन जोतता व्यंग्यकार।
3. Harish Naval: बागफ़त के खरबूजे शराफ़त के मारे दिल्ली के कोल्ड स्टोरेज में।
4. Hari Joshi: अमेरिकी सड़कों की तरह सपाट/सर्राट व्यंग्यकार।
5. Anup Srivastava श्रीवास्तव: व्यंग्य की इमारत नींव की ईंट - रोज सरकने पर आमादा।
6. Arvind Tiwari: मैनपुरी चक्कू के व्यंग्य की बेहद तीखी धार,
अभी इतना ही ’शेष अगले अंक में’ यार।
अभी इतना ही ’शेष अगले अंक में’ यार।
7. Subhash Chander: व्यंग्य के इतिहास में नाम लिखवाने की एकमात्र दुकान।
8. Sushil Siddharth:
गुरु तो बढिया देव सा, पर चेला मिला फ़िरन्ट,
ठांव, कुठांव देखे नहीं, है आये दिन पटकंत।
गुरु तो बढिया देव सा, पर चेला मिला फ़िरन्ट,
ठांव, कुठांव देखे नहीं, है आये दिन पटकंत।
वलेसी की आफ़त है जी।
9. Alok Puranik:
हास्य-व्यंग्य संसार में लिये 'बाजार-लुकाठी' हाथ,
जिसको चलने का मन करे, वो चले हमारे साथ।
सरकार (सरोकार नहीं भाई) भी साथ चलेगी।
हास्य-व्यंग्य संसार में लिये 'बाजार-लुकाठी' हाथ,
जिसको चलने का मन करे, वो चले हमारे साथ।
सरकार (सरोकार नहीं भाई) भी साथ चलेगी।
10. संतोष त्रिवेदी: सरोकारविहीन लेखन और सपाटबयानी ’सब मिले हुये हैं।’
11. Nirmal Gupta: हैंगर पर टंगा एंगर , सूखकर व्यंग्य बनता भयंकर।
12. Lalitya Lalit: हम इनाम लेने का कभी बुरा नहीं मानते।
13. Suresh Kant: उधौ मोहि बब (ब से बैंक) विसरत नाहीं।
14. Alankar Rastogi: ’सभी विकल्प खुले हुये हैं’ बस रॉयल्टी मिल जाये।
15. Anoop Mani Tripathi:होशियार, ख़बरदार 'शो रूम में जननायक' पधार रहा है।
16. DrAtul Chaturvedi: लोग इनाम के लिये जुगाड़ लगाते हैं, अपन का जुगाड़ ऐसा है कि बिना जुगाड़ के मिलता है इनाम।
17. Anshu Mali Rastogi:
हॉट माल हमको मिला, मिली सन्नी लियोनी आय,
सुनत सनाका खा गये, बोली हल्लो भाईजी हाय।
हॉट माल हमको मिला, मिली सन्नी लियोनी आय,
सुनत सनाका खा गये, बोली हल्लो भाईजी हाय।
18. Dilip Tetarbe:
गाली की गिनती करने की इतनी बड़ी सजा न दो,
फ़िर से गिनती की है,हमने संख्या पहुंची तीन सौ दो।
गाली की गिनती करने की इतनी बड़ी सजा न दो,
फ़िर से गिनती की है,हमने संख्या पहुंची तीन सौ दो।
19. Shefali Pande: मजे के अर्थशास्त्र के बाद क्या लिखना।
20. अर्चना चतुर्वेदी: ’शराफ़त का टोकरा’ उठाओ भाई ’मर्द शिकार पर हैं’।
21. Indrajeet Kaur: ’ईमानदारी का सीजन’ खत्म हो फ़िर जुगलबंदी में भाग लिया जाये।
22. Arifa Avis: व्यंग्य के बगीचे की ताजा बयार।
23.Udan Tashtari समीरलाल:
व्यंग्य की लाज बचाना बेटा,
आहिस्ते से मैदान में आना बेटा।
ये व्यंग्य के लोग जरा वैसे हैं
यहां फ़ौरन न छा जाना बेटा।
व्यंग्य की लाज बचाना बेटा,
आहिस्ते से मैदान में आना बेटा।
ये व्यंग्य के लोग जरा वैसे हैं
यहां फ़ौरन न छा जाना बेटा।
24. राजेश सेन: ऐसा कोई अखबार दिखा नहीं, जिसमें मेरा लेख छपा नहीं।
25.गिरीश पंकज: (व्यंग्य) माफ़िया जिन्दाबाद।
26. Sanjay Jha Mastan: व्यंग्य की जुगलबंदी का मानस पुत्र व्यंग्यकार।
2Anuj Tyagi: डॉ कहो या व्यंग्यकार, आगरे का हूं यार।
28. Govind Gautam: हमने तो राय दे दी, आप मानो न मानो होली है।
29. सुनीता शानू: व्यंग्य के अखाड़े में नवोदित सास।
30. Ramesh Tiwari: उदीयमान, उभरे हुये, स्थापित आल इन वन आलोचक।
31. Ranjana Rawat: कातिलाना वनलाइनर स्थाई अड्डा।
32. Yamini Chaturvedi: वनलाइनर से व्यंग्यकार तक मजेदार सफ़र।
33. एम.एम. चन्द्रा: जुगलबंदी के पहले मेले से बिछुड़ा अकेला व्यंग्यकार।
34. Alok Saxena Satirist: सटायरिस्ट सटा लिया अब लिखें न लिखें सटायरिस्ट तो रहना ही है।
35. Pankaj Prasun: पिछले कवि सम्मेलन से अगले कवि सम्मेलन की यात्रा में लगा व्यंग्यकार।
36 अरविन्द कुमार: जरा दिल बहक गया था वैसे बाकी तबियत ठीक है।
37. ALok Khare: वाह दद्दा, हम को भी नहीं छोड़ोगे?
38. शशिकांत सिंह: प्रजातंत्र के प्रेत के बारे में बतायेंगे।
39. Surjeet Singh: अभी तो हम लिख रहे हैं।
40. Neeraj Badhwar: हम कह चुके हैं ’हम सब फ़ेक हैं।’ पर लोग यकीन नहीं करते। बेवजह जलते हैं।
41. Brajesh Kanungo: कविता, कहानी, व्यंग्य जिस मैदान में चाहो निपट लो।
42. Om Varma: अब बस जमा रहे हैं व्यंग्य। तब तक यह दोहा सुनिये।
43. प्रमोद ताम्बट: व्यंग्यलोक का सरोकारी बासिन्दा।
44. Shashi Pandey: कविता और व्यंग्य की जुगलबंदी।
45. Surendra Mohan Sharma: व्यंग्यकारों पर सतर्क निगाह रखने वाले वकील। सुशील जी और संतोष त्रिवेदी की मोहब्बत के चश्मदीद गवाह।
46. Devendra Kumar Pandey: लोहे के घर का मजबूरन आशिक।
47. Hari Hindaun: टाइटल मिला, मिठाई बांटो।
48. Kush Vaishnav: ब्लॉगरों को झांसा देकर सेलेब्रिटी लेखक बनाता प्रकाशक।
49. सुनीता सनाढ्य पाण्डेय: आग लगाती दिखी फ़ेसबुक लाइव पर।
50.Vivek Srivastava: हमको लड़कियों से बात करने में बड़ी शरम आती है। इसीलिये हम उनसे कोच्चन करने लगते हैं। वो हमको बॉय करके चल देती हैं।
51. अनूप शुक्ल: न धेले भर का सऊर न कौड़ी भर अक्ल
देने चले टाइटल, फ़ुरसतिया अनूप शुक्ल।
देने चले टाइटल, फ़ुरसतिया अनूप शुक्ल।
https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10210811251450823
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