Monday, March 27, 2017

परसाई जी के पंच


1. जिसे जुआखाना चलाना चाहिए वह मंत्री है, जिसे डाकू होना चाहिए वह पुलिस अफसर है, जिसे दलाल होना चाहिए वह प्रोफ़ेसर है, जिसे जेल में होना चाहिए वह मजिस्ट्रेट है, जिसे कथावाचक होना चाहिए, वह उपकुलपति है. जिसे जहाँ नहीं होना चाहिए वह ठीक वही है.
2.प्रजातंत्र में सबसे बड़ा दोष है तो यह कि उसमें योग्यता को मान्यता नहीं मिलती, लोकप्रियता को मिलती है.हाथ गिने जाते हैं, सिर नहीं तौले जाते.
3.जब विधानसभाओं और संसद के आधे से अधिक सदस्य एम्बुलेंस में सभा भवन जाया करेंगे और हर सदस्य के बगल में एक डाक्टर बैठा करेगा, तब समझेंगे कि हमारा जनतंत्र सयाना हो गया है.
4. ये चुनाव घोषणा पत्र ऐसे बनते हैं कि अगर अखिल भारतीय चोर महासभा भी घोषणा पत्र निकाले तो उसे पढ़कर विश्वास हो जायेगा कि भारत का कल्याण चोरों को सत्ता सौप देने में ही है.
5.भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से कोई नहीं डरता. एक प्रकार का मनोरंजन है जो राजनैतिक पार्टी कभी-कभी खेल लेती है, जैसे कबड्डी का मैच. इससे न तो सरकार घबड़ाती , न भ्रष्टाचारी घबड़ाते , न मुनाफाखोर, न कालाबाजारी. सब इसे शंकर की बरात समझकर मजा लेते हैं.
6.नस्ल बदले बिना भ्रष्टाचार नहीं मिटेगा. जब तक आदमी की नस्ल है, भ्रष्टाचार रहेगा.
7.गम्भीर आदमियों में भी आपस में होड़ लगती रहती है कि कौन सबसे बड़ा जोकर हो जाये.
8.फासिस्ट संगठन की विशेषता होती है कि दिमाग सिर्फ नेता के पास होता है, बाकी सब कार्यकर्ताओं के पास सिर्फ शरीर होता है.
9. राजनीति में शर्म केवल मूर्खों को आती है.
10. जब शर्म की बात गर्व की बात बन जाए तब समझो कि जनतंत्र बढ़िया चल रहा है.
11.राजनेता की नैतिकता और ईमान ऐसी चीजें हैं जो मेढक की तरह मौसम आने पर जाग उठती हैं.
12.जो देश की हालत से बात शुरू करे ,वह भयानक " चिपकू" होता है. दुनिया की हालत वाला तो और खतरनाक होता है.
13.राजनातिक तलाक और पुनर्विवाह बड़े जल्दी-जल्दी हो जाते हैं.
14.गलत कंठों से निकला अच्छा नारा भी अहितकर होता है.
15. ‘‘इस व्‍यवस्‍था में कोई भी अकेला पैसा नहीं खाता, सब मिलकर खाते हैं, खाने वाले भी और पकड़ने वाले भी । इसलिए वास्‍तविक भ्रष्‍टाचारी कभी पकड़े नहीं जाएंगे । पकड़े जाने लगे तो इस देश के तीन चौथाई मंत्री, सांसद, विधायक जेल में होंगे ।''
-परसाई

https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10210946584234058

No comments:

Post a Comment